गोरखपुर। राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलिट), गोरखपुर, इलेकट्रानिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, के अन्तर्गत एक स्वायत्त संस्था है। यह इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी उद्योगों तथा संबद्ध क्षेत्रों के प्रशिक्षण, परामर्श-सेवा,डिज़ाइन एवं उत्पाद विकास संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करता है।
नाइलिट ने 16 और 17 अक्टूबर 2023 को नाइलिट केंद्र गोरखपुर में 26वीं अखिल भारतीय निदेशक बैठक का आयोजन किया, जिसका उद्घाटन इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के सचिव श्री एस. कृष्णन ने श्री कुंतल सेनसार्मा, आर्थिक सलाहकार,(MeitY), प्रोफेसर पूनम टंडन, कुलपति, डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय और डॉ. मदन मोहन त्रिपाठी, महानिदेशक नाइलिट की गरिमामयी उपस्थिति में किया। बैठक में देश के 49 नाइलिट केंद्रों के सभी कार्यकारी निदेशकों और प्रभारी निदेशकों ने भाग लिया। डायरेक्टर्स मीट का उद्देश्य केंद्रों के पास उपलब्ध क्षमताओं और संसाधनों का उपयोग करते हुए देश की डिजिटल कौशल आवश्यकताओं को संबोधित करने की दिशा में सामूहिक प्रयास और योजनाएं लाना है।
सचिव श्री एस. कृष्णन (आई०ए०एस०) ने रोबोटिक्स प्रोसेस ऑटोमेशन (आरपीए) लैब का भी उद्घाटन किया। अत्याधुनिक आर० पी० ए० लैब का निर्माण मंत्रालय द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त फ्यूचर स्किल प्राइम प्रोजेक्ट के तहत किया गया है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य उभरती प्रौद्योगिकी में जनशक्ति को कुशल बनाना है। यह फ्यूचर स्किल प्राइम टेक्नोलॉजी के तहत उत्तर प्रदेश की पहली लैब है, जिसकी स्थापना उद्योग जगत कि आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए की गई है।
सचिव, MeitY को विभिन्न सुविधाओं और प्रशिक्षण गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी गई। उन्होंने एम्बेडेड सिस्टम लैब, प्रोजेक्ट लैब, वर्चुअल लैब, सर्वर रूम फैसिलिटी, आईटी सिक्योरिटी लैब का दौरा किया, इस दौरान एम.टेक. छात्रों और डब्ल्यू०बी०एल इंटर्न ने आईओटी, रोबोटिक्स और वेब डेवलपमेंट पर आधारित प्रोजेक्ट का प्रदर्शन किया।
सचिव (MeitY) ने मीडिया को संबोधित करते हुए अवगत कराया कि यह अत्याधुनिक आरपीए प्रयोगशाला भारत को एक वैश्विक प्रौद्योगिकी महाशक्ति में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही है। उन्होंने रोबोटिक्स प्रोसेस ऑटोमेशन (आरपीए) और डेटा प्रविष्टि और सत्यापन जैसी मैन्युअल प्रक्रियाओं को स्वचालित करके नागरिकों को सेवाओं में सुधार करने में इसकी भूमिका के बारे में भी बताया, जिससे लिपिकीय त्रुटियां और प्रतिक्रिया समय कम हो जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि नाइलिट भविष्य की कौशल प्रौद्योगिकियों पर प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने फॉर्मल और नान-फॉर्मल डिजिटल कौशल के बीच अंतर को समाप्त करने में नाइलिट की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने यह सुझाव दिया कि नाइलिट को स्थानीय उद्योगों के साथ-साथ वैश्विक कंपनियों के लिए कुशल जनशक्ति तैयार करने हेतु उत्तर प्रदेश के युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए काम करना जारी रखना चाहिए। उन्होंने नाइलिट द्वारा विशेष रूप से इंडस्ट्री-4.0 में विनिर्माण क्षेत्र के लिए कौशल के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने डिजिटल कौशल के माध्यम से स्थानीय उद्यमियों को तैयार करने में नाइलिट की भूमिका का भी समर्थन किया।
श्री कुंतल सेनसार्मा, आर्थिक सलाहकार, MeitY ने नाइलिट के कौशल आधारित पाठ्यक्रमों तथा आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में फॉर्मल और नान-फॉर्मल पाठ्यक्रमों के माध्यम से नाइलिट के प्रयासों और प्रौद्योगिकियों में नवीनतम प्रगति के साथ तालमेल बनाए रखने में सराहना की है। उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में नाइलिट की भूमिका की सराहाना ।
श्रीमती अनुज मालिक (IAS) सीईओ गीडा और डॉ.डी के मिश्रा, निदेशक, नाइलिट गोरखपुर के बीच गीडा में नाइलिट का एक कौशल केंद्र स्थापित करने के लिए एक्सप्रेशन आफ इंट्रेस्ट (EOI) साझा हुआ। इसके तहत गोरखपुर के गीडा क्षेत्र में 5 वर्षों के लिए निर्मित स्थान और भूमि निःशुल्क गीडा के द्वारा प्रदान किया जायेगा, जिसमें नाइलिट अत्याधुनिक सुविधा स्थापित करेगा जो तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के अवसरों की उन्नति पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह केंद्र तकनीकी उत्कृष्टता, नवाचार को बढ़ावा देगा और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देकर उद्यमिता को बढ़ाएगा। यह गीडा के उद्योगों के लिए कुशल श्रमशक्ति की मांग को पूरा करेगा।
प्रोफेसर पूनम टंडन, कुलपति, डीडीयू गोरखपुर और डॉ. एमएम त्रिपाठी, महानिदेशक, नाइलिट ने गोरखपुर क्षेत्र में भविष्य के कौशल प्रौद्योगिकी में रोजगार उन्मुख पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण संचालित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए, जो उम्मीदवारों को उद्योग के लिए तैयार करेगा।
डीडीयू में 350 से अधिक कॉलेज और 3 लाख उम्मीदवार हैं। इस गठबंधन से उन्हें आई०ई०सी०टी० क्षेत्र में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर इंटर्नशिप और कार्यक्रमों से लाभान्वित होने में मदद मिलेगी, साथ ही तुलनात्मक रूप से आर्थिक रूप से कमजोर पूर्वांचल के युवाओं को कौशल प्रदान करने से उनकी रोजगार क्षमता में वृद्धि होगी। डीडीयू ऑनलाइन कार्यक्रमों की योजना बना रहा है और नाइलिट की सहायता से विश्वविद्यालय के साथ-साथ छात्रों और संकाय को अंतरराष्ट्रीय मानक के वातावरण में सीखने में मदद करेगा।
महानिदेशक डॉ. मदन मोहन त्रिपाठी ने कहा कि नाइलिट इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के उद्योगों और संबद्ध क्षेत्रों की प्रशिक्षण, परामर्श, डिजाइन और उत्पाद विकास आवश्यकताओं को पूरा करता है। उन्होंने लक्ष्य हासिल करने और नाइलिट केंद्रों के समग्र प्रदर्शन में सुधार के लिए मुद्दों, योजना और रोड मैप पर भी चर्चा की।
डॉ. डी.के. मिश्रा निदेशक ने कहा कि नाइलिट गोरखपुर ने पिछले 10 वर्षों में 24,000 से अधिक उम्मीदवारों को IECT की उभरती तकनीक में प्रशिक्षित किया है और 30 लाख से अधिक उम्मीदवारों को डिजिटल साक्षरता पाठ्यक्रमों में प्रमाणित किया है।