भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव (केटीआर) ने उपराष्ट्रपति चुनाव और तेलंगाना में यूरिया की कमी को लेकर कांग्रेस और भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने साफ कहा कि बीआरएस केवल उसी दल को समर्थन देगी, जो 9 सितंबर से पहले राज्य के लिए 2 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध कराएगा।
उन्होंने कहा कि अभी तक किसी भी दल ने उनसे संपर्क नहीं किया है और बीआरएस का निर्णय केवल किसानों के हित में होगा। यदि कांग्रेस मुख्यमंत्री कोई उम्मीदवार नामित करते हैं, तो पार्टी बिना हिचक उनके खिलाफ जाएगी।
बीसी नेता को उपराष्ट्रपति पद पर मौका नहीं
केटीआर ने कांग्रेस पर सामाजिक न्याय के मुद्दे पर पाखंड का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पिछड़ा वर्ग (बीसी) के लिए समर्थन का दावा करती है, लेकिन उपराष्ट्रपति पद के लिए किसी बीसी नेता को उम्मीदवार नहीं बनाया। तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस गंभीर होती तो कांचा इलैया जैसे बुद्धिजीवी या किसी प्रमुख बीसी नेता को मैदान में उतार सकती थी।
यूरिया की कमी और कालाबाजारी का आरोप
केटीआर ने यूरिया की कमी को कांग्रेस सरकार की नाकामी बताया और कहा कि नेताओं द्वारा स्टॉक की कालाबाजारी की जा रही है, जिससे किसानों को घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पहली बार महिला किसान डिपो के बाहर रात बिता रही हैं और किसान अपनी जगह सुरक्षित रखने के लिए जूते व आधार कार्ड कतार में छोड़ रहे हैं। कई मामलों में तो उर्वरक मांगने पर किसानों पर केस दर्ज किए जा रहे हैं।
उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार एक श्वेत पत्र जारी करे, जिसमें केंद्र से मिली आपूर्ति, गोदामों का स्टॉक, किसानों तक वितरण और डायवर्ट की गई मात्रा का पूरा विवरण हो। साथ ही, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की भी मांग की।
राहुल गांधी और सांसदों पर सवाल
केटीआर ने कांग्रेस और भाजपा, दोनों पर तेलंगाना को धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 8 कांग्रेस और 8 भाजपा सांसद होने के बावजूद राज्य को कोई लाभ नहीं मिला। राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने किसानों की तकलीफ पर संसद में एक शब्द तक नहीं बोला।
कांग्रेस सरकार पर विफलता का आरोप
केटीआर ने राज्य सरकार को कर्जमाफी, रायथु बंधु, मुफ्त बिजली, फसल खरीद, बोनस, बीमा और अब उर्वरक जैसे हर मोर्चे पर विफल बताया। उन्होंने कहा कि इस शासनकाल में 600 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है। साथ ही तंज कसा कि रेवंत रेड्डी दिल्ली 51 बार गए, लेकिन तेलंगाना के लिए 51 बोरी यूरिया भी नहीं ला सके।
अन्याय और कुशासन के खिलाफ संघर्ष
उन्होंने कहा कि बीआरएस किसी भी समुदाय के खिलाफ नहीं है और तेलंगाना में सभी का स्वागत है। पार्टी की लड़ाई केवल अन्याय और कुशासन के खिलाफ है। बीआरएस न तो एनडीए से जुड़ी है और न ही इंडिया गठबंधन से। केटीआर ने दोहराया कि बीआरएस केवल तेलंगाना की जनता के प्रति जवाबदेह है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यूरिया संकट जारी रहा तो बीआरएस गांव से लेकर राज्य स्तर तक आंदोलन करेगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे हिम्मत न हारें, बीआरएस तब तक लड़ाई जारी रखेगी जब तक यह संकट दूर नहीं हो जाता।