अंतरिक्ष यात्री और भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा कि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण में तेजी से आगे बढ़ रहा है और वह दिन दूर नहीं है, जब दुनिया ‘नासा’ की बजाय ‘इसरो’ की बात करेगी।
‘एक्सिओम-4’ मिशन की सफलता और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से सुरक्षित वापसी के बाद लखनऊ में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में शुक्ला ने कहा कि भारत लौटने के बाद से उन्होंने लोगों में अंतरिक्ष उपलब्धियों को लेकर अविश्वसनीय उत्साह महसूस किया है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस को मनाए हुए अभी कुछ ही समय हुआ है, लेकिन इसे लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। जैसा उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था, वह दिन दूर नहीं जब लोग नासा की बजाय इसरो की बात करेंगे। शुक्ला ने कहा कि यह कोई सपना नहीं, बल्कि एक हकीकत है, जो साकार होने का इंतजार कर रही है।
गृहनगर पहुंचने पर मिले गर्मजोशी भरे स्वागत से प्रभावित शुक्ला ने मुस्कुराते हुए कहा कि आज सुबह लखनऊ पहुंचने के बाद उन्होंने हजारों लोगों के साथ तस्वीरें खिंचवाईं। उन्होंने कहा, “इतने उत्साह और गर्व के साथ घर आना मेरे लिए बेहद रोमांचक रहा। मैं लोगों के प्यार और समर्थन के लिए आभारी हूं।”
अपने मिशन के अनुभव साझा करते हुए शुक्ला ने बताया कि उनकी टीम ने अंतरिक्ष में 60 वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिनमें से सात भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा डिजाइन किए गए थे। उन्होंने कहा कि सबसे गौरवपूर्ण क्षण भारतीय वैज्ञानिकों के प्रयोगों को करना था और उन्हें पहली बार सूक्ष्म-गुरुत्व से जुड़ा अनुसंधान करने का अवसर मिला।
उन्होंने कहा कि असली उपलब्धि केवल आंकड़ों में नहीं है, बल्कि इस मिशन ने अंतरिक्ष में भविष्य के भारतीय अनुसंधान के लिए नए द्वार खोले हैं।
शुक्ला ने यह भी बताया कि उन्होंने मिशन के दौरान प्रधानमंत्री से बातचीत की और कई मौकों पर बच्चों से जुड़े। बच्चों ने उनसे पूछा कि वे अंतरिक्ष यात्री कैसे बन सकते हैं। शुक्ला के अनुसार, इस मिशन की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि अब युवा पीढ़ी अंतरिक्ष में जाने की इच्छा रखती है और उन्हें विश्वास है कि वे इसे हासिल कर सकते हैं।