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जम्मू-कश्मीर से लेकर हिमाचल और अरुणाचल तक बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं से मचा हाहाकार।

जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। तेज पानी के बहाव से घर, सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि चट्टानें और पेड़ ढलानों से गिर पड़े। जम्मू क्षेत्र में 11 लोगों की मौत हो गई, जिनमें सात तीर्थयात्री भी शामिल हैं, जो वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन की चपेट में आ गए।

वैष्णो देवी यात्रा स्थगित

भारी बारिश और भूस्खलन के चलते वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई है। श्राइन बोर्ड ने खराब मौसम को देखते हुए श्रद्धालुओं से यात्रा स्थगित करने की अपील की है। पुल ढह गए, बिजली और मोबाइल नेटवर्क ठप हो गए और जम्मू-श्रीनगर तथा किश्तवाड़-डोडा हाईवे पर यातायात बंद कर दिया गया है।

रेल यातायात प्रभावित

उत्तर भारत में रेल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। जम्मू, कटरा, पठानकोट और अमृतसर से दिल्ली जाने वाली कई ट्रेनें रद्द कर दी गईं। कुछ ट्रेनें बीच से ही रोकी या चलाई जा रही हैं।

तीर्थयात्रियों की मौत और कई घायल

रियासी जिले के त्रिकुटा पहाड़ियों पर भूस्खलन की चपेट में आने से सात श्रद्धालुओं की मौत और 21 लोग घायल हो गए। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है।

निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा

डोडा जिले में बारिश से संबंधित हादसों में चार लोगों की जान गई। कई जिलों में मकान और सड़कें ढह गईं। कठुआ में रावी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। चिनाब, तवी और उझ जैसी नदियां भी उफान पर हैं। स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है।

हिमाचल प्रदेश की स्थिति

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से भूस्खलन और अचानक बाढ़ आई है। कई इमारतें ढह गईं और 680 से ज्यादा सड़कें बंद हो गईं। मंडी, कुल्लू और शिमला जिलों में हालात गंभीर हैं। चंडीगढ़-मनाली हाईवे और मनाली-लेह मार्ग के कई हिस्से बह गए, जिससे पर्यटक फंस गए। राज्य में लगातार भारी बारिश और ऊपरी इलाकों में बर्फबारी की संभावना है।

दिल्ली और उत्तराखंड में खतरा

दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का अलर्ट जारी हुआ है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पार जा सकता है। उत्तराखंड में भी यमुना उफान पर है, कई घर और होटल जलमग्न हो गए हैं। पहाड़ी इलाकों में लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ गया है।

अरुणाचल प्रदेश में भूस्खलन

अरुणाचल के तवांग जिले में भूस्खलन के कारण सड़कें बंद हो गईं और कई गाड़ियां मलबे में दब गईं। बालीपारा-चारिद्वार-तवांग नेशनल हाईवे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है।

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