कानपुर के श्याम नगर इलाके में 20 वर्षीय वैष्णवी साहू पर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया था। इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गई। शुरुआत में उसका इलाज काशीराम अस्पताल में हुआ और प्राथमिक उपचार के बाद उसे घर भेज दिया गया, लेकिन धीरे-धीरे उसके चेहरे पर संक्रमण बढ़ता चला गया।
स्थिति बिगड़ने पर उसे गणेश शंकर मेडिकल कॉलेज, कानपुर में भर्ती कराया गया। यहां प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने न केवल उसके मुफ्त इलाज की जिम्मेदारी ली, बल्कि उसे अपनी बेटी मानकर गोद भी ले लिया।
संक्रमण और सर्जरी
डॉ. काला के अनुसार, चेहरे पर गहरी चोट के कारण वैष्णवी का मुंह पूरी तरह से नहीं खुल रहा था, जिससे वह भोजन करने में असमर्थ थी। प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने उसे पीएमएसएसवाई वार्ड में भर्ती कर ऑपरेशन किया। डॉक्टरों ने चेहरे से पस निकालकर साफ किया और अब संक्रमण कम होने का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद टांके लगाए जाएंगे।
विशेष दवाइयां और देखभाल
वैष्णवी के इलाज के लिए लगभग 20 हजार रुपये के इंजेक्शन भी मंगवाए गए हैं, जिन्हें उसे निशुल्क दिया जा रहा है। डॉक्टरों ने उसे प्राइवेट रूम में रखा है। छह दिन बाद उसने ठोस भोजन लेना शुरू किया, जबकि पहले वह केवल तरल पदार्थों पर निर्भर थी।
दो चरणों में इलाज
डॉ. काला ने बताया कि उसका इलाज दो चरणों में किया जाएगा। पहले प्लास्टिक सर्जरी की जाएगी और लगभग दो साल बाद दोबारा जांचकर देखा जाएगा कि क्या फिर से सर्जरी की आवश्यकता है। अगर जरूरत पड़ी तो यह उपचार भी पूरी तरह निशुल्क होगा।
इस तरह डॉक्टरों और मेडिकल टीम की