प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 05 सितंबर 2025 को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत 185.84 करोड़ रुपये मूल्य की अचल और चल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है।
यह कार्रवाई दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DHFL) के बैंक फ्रॉड मामले में की गई है, जिसमें कपिल वाधवानी, धीरज वाधवानी और अन्य आरोपियों पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 17 बैंकों को धोखा देने का आरोप है।
बहीखातों में हेरफेर कर बैंक फ्रॉड:
ईडी के मुताबिक, जब्त संपत्तियों में मुंबई स्थित 154 फ्लैट्स और 20 फ्लैट्स से संबंधित प्राप्तियां शामिल हैं। जांच सीबीआई की एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी, जिसमें IPC और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामले दर्ज हैं।
जांच में सामने आया कि DHFL और दोनों भाइयों ने कंपनी की बहीखातों में हेरफेर कर बैंक लोन का दुरुपयोग और गबन किया। साल 2017–18 के दौरान प्रॉक्सी कंपनियों और इंटर-कॉर्पोरेट डिपॉजिट्स (ICDs) के जरिए फंड्स को डायवर्ट कर शेयर मार्केट में धोखाधड़ी की गई।
70.39 करोड़ रुपये की संपत्ति पहले ही अटैच:
ब्रोकर्स के माध्यम से की गई ट्रेडिंग्स के जरिए DHFL के शेयरों की कीमत और वॉल्यूम को कृत्रिम रूप से बढ़ाया गया। इससे पहले ED ने 70.39 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच किया था। 03 अप्रैल 2025 को मुंबई की विशेष PMLA कोर्ट में अभियोजन शिकायत दाखिल की गई थी, जिस पर 02 मई 2025 को संज्ञान लिया गया। अब तक इस केस में कुल 256.23 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की जा चुकी हैं। ED ने कहा है कि मामले की आगे की जांच जारी है।