भारतीय पायलट संघ (Federation of Indian Pilots- FIP) ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) को पत्र लिखकर हाल ही में तकनीकी खराबियों और रखरखाव से जुड़ी समस्याओं को देखते हुए सभी एअर इंडिया के बोइंग 787 विमानों की उड़ानें तत्काल रोकने की मांग की है. पायलट संघ ने इस कदम के पीछे मुख्य कारण बताते हुए कहा कि एअर इंडिया के विमानों में लगातार आ रही तकनीकी समस्याओं और रखरखाव में कमजोरी के कारण DGCA ने हाल ही में विशेष ऑडिट शुरू किया है.
FIP के अनुसार, हाल के महीनों में B-787 विमानों में कई गंभीर तकनीकी खराबियों के मामले सामने आए हैं. इन घटनाओं ने न केवल विमानन सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यात्रियों और पायलटों के लिए गंभीर जोखिम भी पैदा किया है. पायलट संघ ने DGCA से आग्रह किया है कि भारत में संचालित सभी बोइंग 787 विमानों की विद्युत प्रणालियों की विस्तृत और गहन जांच की जाए.
हाल की घटनाओं की डिटेल्स
4 अक्टूबर 2025: अमृतसर से बर्मिंघम जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI-117 में लैंडिंग के समय रैम एयर टर्बाइन (RAT) अचानक एक्टिव हो गया. यह घटना फ्लाइट के आखिरी चरण में हुई थी. हालांकि, चालक दल ने जांच में पाया कि सभी इलेक्ट्रिकल और हाइड्रोलिक पैरामीटर सामान्य थे और विमान सुरक्षित रूप से बर्मिंघम एयरपोर्ट पर उतरा. इसके बाद विमान को जांच के लिए अस्थायी रूप से रोक दिया गया.
9 अक्टूबर 2025: ऑस्ट्रिया के वियना से नई दिल्ली आ रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI-154 को संभावित तकनीकी खराबी के कारण दुबई में डायवर्ट करना पड़ा. जांच के बाद विमान ने दुबई से सुबह 8:45 बजे (भारतीय समयानुसार) फिर से उड़ान भरी और सुरक्षित रूप से नई दिल्ली पहुंचा.
इन दोनों घटनाओं में पायलट संघ के अनुसार ऑटोपायलट सिस्टम अचानक फेल हो गया, जिससे कई तकनीकी गड़बड़ियां सामने आईं. प्रभावित सिस्टम में ऑटोपायलट, इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS), फ्लाइट डायरेक्टर्स (FDs), और फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम शामिल थे, जिसके कारण विमान में ऑटोलैंडिंग की क्षमता बाधित हो गई थी.
पुरानी घटनाओं का जिक्र
FIP ने सरकार का ध्यान 12 जून को अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया विमान हादसे की ओर भी दिलाया. संगठन का कहना है कि देश में B-787 विमानों में हो रही तकनीकी खराबियों की गहराई से जांच नहीं की जा रही, जिससे हवाई सुरक्षा से समझौता हो रहा है.
पायलट संघ ने कहा कि जब से एअर इंडिया के विमानों का रखरखाव नए इंजीनियरों के हाथों में गया है, तब से ऐसी घटनाओं में वृद्धि हुई है. पहले जब AIESL (Air India Engineering Services Limited) रखरखाव का काम संभाल रहा था, तब ऐसी तकनीकी समस्याएं बहुत कम देखने को मिलती थीं.
FIP की तीन प्रमुख मांगें
- गहन जांच: हाल ही में AI-117 और AI-154 में हुई घटनाओं की पूरी और निष्पक्ष जांच.
- विमानों की उड़ान रोकना: एअर इंडिया के सभी B-787 विमानों को अस्थायी रूप से उड़ानों से रोका जाए और उनकी विद्युत प्रणालियों सहित बार-बार आने वाली तकनीकी खराबियों की विस्तृत जांच की जाए.
- विशेष ऑडिट: DGCA के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा विशेष ऑडिट कराया जाए, जिसमें विशेष रूप से बोइंग-787 विमानों में MEL (Minimum Equipment List) रिलीज़ और बार-बार आने वाली तकनीकी गड़बड़ियों की जांच शामिल हो.
एअर इंडिया का बयान
टाटा समूह के स्वामित्व वाली एअर इंडिया ने हालिया तकनीकी खराबियों के दावों को पूरी तरह खारिज किया. कंपनी ने कहा कि 4 अक्टूबर को AI-117 में RAT का खुलना ‘अनकमांड’ यानी बिना आदेश के हुआ था, और इसका विमान या यात्रियों के लिए कोई खतरा नहीं था. सभी इलेक्ट्रिकल और हाइड्रोलिक सिस्टम सामान्य थे और विमान सुरक्षित रूप से बर्मिंघम एयरपोर्ट पर उतरा. इसके बाद विमान को जांच के लिए अस्थायी रूप से रोक दिया गया और जांच पूरी होने के बाद 5 अक्टूबर को यह पुनः उड़ान भरी.
एअर इंडिया ने यह भी स्पष्ट किया कि यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा हमेशा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. एयरलाइन ने कहा कि RAT का खुलना किसी तकनीकी खराबी या पायलट की गलती के कारण नहीं हुआ और यह पहले अन्य एयरलाइनों में भी देखा गया है.
विशेषज्ञों का क्या कहना है?
विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार बढ़ रही तकनीकी खराबियां B-787 विमानों में गंभीर सुरक्षा जोखिम पैदा कर रही हैं. यदि इनकी समय पर जांच और रोक नहीं की गई, तो हवाई सुरक्षा पर बड़ा असर पड़ सकता है.