हापुड़ में दीपावली के बाद वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। बुधवार सुबह शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 367 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। सूरज निकलने के साथ ही शहर की हवा में धुंध और धुएं की परत छा गई, जिससे सड़कों पर दृश्यता भी प्रभावित हुई। बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है।
दूसरे दिन भी हुई दिक्कत
दरअसल,दीपावली की रात हुई आतिशबाजी के बाद से हवा में भारीपन महसूस हो रहा है। सुबह टहलने निकले लोगों को आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, हवा में सूक्ष्म कणों (PM2.5 और PM10) की मात्रा खतरनाक स्तर तक बढ़ गई है, जो श्वसन तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। उन्होंने बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है।
सड़कों पर पानी के टैंकरों से धूल नियंत्रण की होगी कोशिश
दीपावली के बाद पटाखों से निकले धुएं और धूलकणों का असर अभी भी वातावरण में बना हुआ है। ठंडी हवा के कारण प्रदूषक तत्व ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है। ईओ ने बताया कि जल्द ही वायु शुद्धिकरण के लिए छिड़काव अभियान और सड़कों पर पानी के टैंकरों से धूल नियंत्रण की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो
गैरजरूरी वाहनों का प्रयोग न करें, सार्वजनिक परिवहन का अधिक से अधिक उपयोग करें और घरों में हरे पौधे लगाएं। डॉ पराग शर्मा ने लोगों को मास्क पहनने और अनावश्यक रूप से खुले में देर तक न रहने की सलाह भी दी है। फिलहाल, हापुड़ की हवा “खतरनाक रूप से प्रदूषित” मानी जा रही है। लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है।
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