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ऑपरेशन सिंदूर के कमांडरों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने पाकिस्तान में तबाही मचाई

केंद्र सरकार ने हाल ही में एक गजट अधिसूचना जारी की है, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर समेत विभिन्न ऑपरेशन में वीरता पुरस्कार पाने वाले सैनिकों के शौर्य की विस्तृत जानकारी दी गई है. 15 अगस्त को वीरता पुरस्कार की घोषणा के समय इस बात का खुलासा नहीं किया गया था कि किस वीर ने किस बहादुरी के लिए पुरस्कार हासिल किया.

गजट नोटिफिकेशन में अधिकारियों की भूमिका का विवरण

गजट नोटिफिकेशन में रफाल, सुखोई और एस-400 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर सहित थलसेना के तोपखाने से जुड़े अधिकारियों की भूमिका का विवरण दिया गया है. इसमें बताया गया है कि भारतीय पायलटों ने पाकिस्तान में डीप स्ट्राइक कर आतंकी ठिकानों को कैसे नष्ट किया.

सुखोई के ग्रुप कैप्टन रणजीत सिंह सिधू के बारे में क्या लिखा है?

सुखोई के ग्रुप कैप्टन रणजीत सिंह सिधू के बारे में लिखा गया है कि उन्होंने 9-10 मई की रात तीन अलग-अलग लोकेशनों से हमला कर पाकिस्तान के 11 एयरबेस को निशाना बनाया और सभी लड़ाकू विमानों को सुरक्षित रूप से बेस पर वापस लाए.

यह नोटिफिकेशन भारतीय सेना की बहादुरी और रणनीतिक कौशल को उजागर करता है और उन सैनिकों की वीरता को मान्यता देता है, जिनके काम का अब तक सार्वजनिक विवरण नहीं दिया गया था.

एस-400 मिसाइल स्क्वाड्रन के सीओ के बारे में क्या लिखा है?

एस-400 मिसाइल स्क्वाड्रन के सीओ के बारे लिखा है कि दुश्मन के विमानों को तो गिराया, साथ ही ऑपरेशनल एरिया से एक विदेशी (पाकिस्तानी) जासूस को गिरफ्तार कराने में मदद की. साथ ही लिखा है कि दो लोकेशन से दुश्मन पर मिसाइल दागी गई. लेकिन मिसाइल दागने के तुरंत बाद मिसाइल लॉन्चर की लोकेशन तुरंत बदल दी गई जिससे दुश्मन की मिसाइल असफल हो गई. हालांकि, ये गिरी उसी जगह जहां से मिसाइल दागी गई थी.

कब हुआ था ऑपरेशन सिंदूर?

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद 6-7 मई की रात भारत ने पीओके में आतंकी ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया था. इसके बाद पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी का भी भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया. इस दौरान भारत ने पाकिस्तान को भारी क्षति पहुंचाई.

 

 

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