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पुतिन के 28 घंटों में दिखा मजबूत डिप्लोमैटिक मूव—PM मोदी संग डिनर, फिर रणनीतिक चर्चाएँ और कई रक्षा समझौतों पर फोकस।

 

 

Putin India Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार (4 दिसंबर 2025) को दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर भारत पहुंचेंगे. शाम करीब साढ़े चार बजे उनके दिल्ली पहुंचने की संभावना है. आगमन के कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके लिए निजी रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे.

पिछले वर्ष जुलाई में जब पीएम मोदी मॉस्को गए थे, तब पुतिन ने भी उनका इसी तरह निजी आतिथ्य किया था. पुतिन की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत अमेरिका संबंध दो दशकों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं. अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 50% तक शुल्क बढ़ा दिया है, जिसमें रूस से तेल खरीदने के कारण 25% अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है.

नई दिल्ली में 28 घंटे का व्यस्त कार्यक्रम

पुतिन की यात्रा से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को उनका औपचारिक स्वागत किया जाएगा, जिसके बाद भारत रूस की 23वीं वार्षिक शिखर बैठक आयोजित होगी. हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधिमंडल के लिए दोपहर भोज की मेजबानी करेंगे. पुतिन शुक्रवार सुबह राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी देंगे.

शिखर वार्ता के बाद पुतिन रूस के सरकारी प्रसारक के भारत चैनल की शुरुआत करेंगे. इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उनके सम्मान में राजकीय भोज देंगी. कुल लगभग 28 घंटे की यात्रा के बाद पुतिन शुक्रवार रात करीब साढ़े नौ बजे भारत से प्रस्थान करेंगे. शिखर बैठक में भारत रूस से कच्चे तेल की बड़े पैमाने पर खरीद से बढ़ते व्यापार घाटे पर चर्चा कर सकता है. साथ ही, अमेरिकी प्रतिबंधों का भारत रूस व्यापार पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी बात होने की संभावना है.

कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर की तैयारी

जानकारी के अनुसार, पुतिन प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन संघर्ष खत्म करने के लिए अमेरिका की ओर से किए जा रहे प्रयासों से अवगत करा सकते हैं. भारत लगातार यह कहता रहा है कि युद्ध का समाधान संवाद और कूटनीति के रास्ते से ही संभव है. दोनों नेताओं की वार्ता के बाद कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर की उम्मीद है. इनमें भारतीय श्रमिकों के रूस में आवागमन को आसान बनाने वाला समझौता और रक्षा सहयोग के ढांचे के तहत साजो सामान संबंधी सहयोग शामिल है. फार्मा, कृषि, खाद्य उत्पाद और उपभोक्ता वस्तुओं के क्षेत्र में रूस को भारतीय निर्यात बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

भारत उर्वरक क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर काम कर रहा है. रूस हर साल 30–40 लाख टन उर्वरक भारत को उपलब्ध कराता है. दोनों पक्ष व्यापार, शिक्षा, कृषि और संस्कृति से जुड़े कई समझौतों को अंतिम रूप दे सकते हैं. साथ ही, भारत द्वारा प्रस्तावित यूरेशियन आर्थिक संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर भी चर्चा हो सकती है. भारत का रूस से प्रतिवर्ष आयात लगभग 65 अरब डॉलर है, जबकि रूस भारत से सिर्फ पांच अरब डॉलर का आयात करता है. यह व्यापार असंतुलन भारत के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.

शिखर बैठक से पहले रक्षा मंत्रियों की अहम वार्ता

शिखर बैठक से पहले गुरुवार को दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच व्यापक वार्ता होगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव एस 400 मिसाइल प्रणाली, सुखोई 30 लड़ाकू विमानों के उन्नयन और अन्य सैन्य साजो सामान की खरीद पर चर्चा करेंगे. दोनों पक्षों का मुख्य ध्यान रक्षा संबंधों को और मजबूत करने तथा रूस से सैन्य उपकरणों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने पर रहेगा.

सूत्रों का कहना है कि भारत रूस से एस 400 मिसाइल प्रणाली की अतिरिक्त खेप खरीदने पर विचार कर रहा है, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यह प्रणाली बेहद प्रभावी साबित हुई. अक्टूबर 2018 में भारत ने एस 400 की पांच इकाइयां खरीदने के लिए पांच अरब डॉलर के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे, हालांकि अमेरिका ने इस सौदे पर सीएएटीएसए कानून के तहत प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी थी.

2021 के बाद पुतिन की पहली भारत यात्रा

भारत और रूस के बीच हर वर्ष शिखर बैठक आयोजित होती है. अब तक दोनों देशों के बीच 22 वार्षिक शिखर बैठकें हो चुकी हैं. पुतिन आखिरी बार 2021 में भारत आए थे. पिछले वर्ष जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने मॉस्को गए थे.

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