युवराज दत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय की स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने पर मनाई गई हीरक जयंती
*अरुण मिश्रा ब्यूरो चीफ/सुपर फास्ट टाइम्स*
लखीमपुर खीरी। युवराज दत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय, लखीमपुर-खीरी अपनी स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में हीरक जयन्ती मना रहा है। वर्ष भर में आयोजित होने वाले कार्यकमों की श्रंखला में दिनाक 13 दिसंबर 2023 को सायं 06:00 बजे से एक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। महाविद्यालय एवं आरम्भ (साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था) के संयुक्त तत्वावधान में यह कार्यकम महाविद्यालय के स्वर्ण जयन्ती सभागार में सम्पन्न हुआ। कार्यकम का प्रारम्भ विशिष्ट अतिथि अनिल कुमार सिंह, मुख्य विकास अधिकारी, लखीमपुर एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. इरा श्रीवास्तव, अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद, लखीमपुर ने आमंत्रित कवियों एवं प्राचार्य प्रो. हेमन्त कुमार पाल ने माँ सरस्वती एवं श्रीमान् राजा युवराज दत्त सिंह जी के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण के साथ किया।
आमंत्रित कवियों में डॉ. राहुल अवस्थी (बरेली), डॉ. सरिता शर्मा (दिल्ली), प्रवीण पाण्डेय, फारूख सरल, संजय मिश्रा ‘शौक’ एवं हास्य कवि नरकंकाल तथा गीतकार अनुराधा जायसवाल रहीं। कार्यकम बहुत ही भव्य एवं सुंदर रहा। कार्यक्रम में आरम्भ संस्था के वरिष्ठ संस्थापक कवियों- स्व. श्री रमेश रंजन मिश्र एवं स्व. श्री राम शंकर त्रिवेदी ‘कवि जी’ को याद किया गया। उनकी रचनायें पढी गयीं एवं उनके नाम से दो कवियों को स्मृति सम्मान दिये गये।
कार्यक्रम का प्रारम्भ डॉ. सरिता शर्मा के द्वारा सरस्वती वंदना से किया गया। इसके अतिरिक्त उन्होंने कई गीत पद मॉ पर पढ़ी गयी। कविता ‘मॉ के आंखों में आंसू न देना कभी विशेष रूप से सराही गयी। प्रवीण पाण्डेय की कविता ‘प्रेम रसधार है लाड़ली राधिका ने खूब तालियां बटोरी। हास्य कवि नरकंकाल के हास्य व्यंग्य पर श्रोता लोट-पोट हो गये। अनुराधा जायसवाल के गीतों ने श्रोताओं को प्रेम रस में डुबा दिया। ‘नयनों के तटबंध तोड़कर सागर उमड़ पड़ा’ फारूख सरल जी की मार्मिक रचना विशेष रूप से सराही गयी।’ बेटा पूँछ ले आकर पिता जी हाल कैसा है। डॉ. राहुल अवस्थी की रोंगटे खड़ी कर देने वाली कविता ने सबको ऊर्जावान कर दिया। संजय मिश्रा ‘शौक के शेर विशेष रूप से सराहे गये। आरम्भ संस्था ने श्री राम शंकर स्मृति सम्मान के लिये डॉ. राहुल अवस्थी के नाम की घोषणा की जो कवि जी के सुपुत्र अविरल त्रिवेदी द्वारा दिया गया। इसी क्रम में रमेश रंजन मिश्र स्मृति सम्मान पुरूस्कार प्रवीण पाण्डेय को दिया गया। श्रोताओं की भारी संख्या ने कार्यकम को भव्यता प्रदान की। डॉ. राहुल अवस्थी एवं विनय प्रकाश मिश्र ने संयुक्त संचालन किया।