महोत्सव स्पेशल : गोरखपुर महोत्सव में छात्रों द्वारा लगाया गया वैज्ञानिक प्रदर्शनी
– डीडीयू के छात्रों ने प्रदर्शनी में दिखाया आईओटी स्मार्ट पार्किंग,
– अंधी छड़ी से सड़क दुर्घटना में आएगी भारी गिरावट डीडीयू के छात्रों ने किया आविष्कार
मुख्य संवाददाता(शाश्वत राम तिवारी)
गोरखपुर। सुपर फास्ट टाइम्स
गोरखपुर महोत्सव में गुरूवार को विभिन्न स्कूल-कॉलेजों से आए छात्रों ने विज्ञान प्रदर्शनी लगाई। प्रर्दशनी में करीब 500 छात्र ने बड़े ही उत्साह से आगंतुको को अपने मॉडल का प्रदर्शन किया। इसमें पावर जनरेटर से लेकर किडनी वर्किंग मॉडल और ब्लाइंड स्टिक जैसे अविष्कारों की लोगों ने खूब प्रशंसा की। वहीं क्षेत्रीय विज्ञान के वैनिटी लैब में रैक-पीनियन और टाइम मशीन के डिस्प्ले को यहां आने वाले लोग आश्चर्य से निहारते रहे और कल्पना में खो गए। यहां आने वाला हर शख्स वैनिटी लैब में जाकर एक बार मॉडल को करीब से देखने से खुद को रोक नहीं पाया। एडी गर्ल्स इंटर कॉलेज की छात्राओं ने प्रर्दशनी में स्टॉल लगाकर किडनी वर्किंग मॉडल का डिस्प्ले किया, यह हड्डी के ब्लड को फिल्टर करती है। छात्राओं ने बताया कि शरीर में बहुत सारी डेड, रेड ब्लड सेल्स जमा होती हैं। इन्हें निकालने में यह मशीन कारगर सिद्ध हो सकती है।इसका सबसे ज्यादा उपयोग कैंसर रोगियों के इलाज में किया जाता है। वहीं जनता इंटर कॉलेज के छात्रों ने अपने स्टॉल में मात्र 2 हजार रुपये से बने वॉयरलेस व्हीकल चार्जिंग स्टेशन का डिस्प्ले किया। छात्रों ने बताया कि यह सस्ता होने के साथ ही सबकी पहुंच में भी है। भविष्य में सभी गाड़ियां चार्जिंग प्वाइंट से ही चार्ज होंगी। वह समय दूर नहीं जब हर गली में चार्जिंग प्वांइट स्थापित करने की जरूरत पड़ेगी। प्रदर्शनी में भाग लेने आए गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्र ने आईओटी स्मार्ट पार्किंग का मॉडल लगाया। इंजीनियरिंग विभाग की छात्राओं ने बताया कि देश के सभी शहरों में चाहे वह मेट्रो सिटी हो या छोटे शहर हर जगह गाड़ी पार्किंग की समस्या सबसे कॉमन है। मात्र 2 दिन में मॉडल तैयार करने वाली छात्र ने बताया कि इस स्मार्ट पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने के साथ ही उसके चार्ज करने की व्यवस्था भी बनाई गयी है। इसे बड़े पैमाने पर लागू किया जा सकता है। यह सस्ता होने के साथ ही आसानी से बन जाता है। वही डीडीयू के इंजीनियरिंग विभाग के ही छात्रों ने एक अंधी छड़ी ईजाद किया है। जीपीएस और सेंसर से लैस यह ब्लाइंड स्टिक नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए वरदान साबित होगी। इससे जहां सुविधा बढ़ेगी तो वहीं सेंसर लगे होने की वजह से यह वाहनों की पहचान कर लेने में भी सक्षम है, इससे सड़क दुर्घटनाओं पर काफी हद तक लगाम लगेगी। वहीं छात्रों की एक टीम ने कैब पोलिंग एप बनाया है। यह शहर में चलने वाली ऑनलाइन टैक्सी के फेयर की तुलना कर उपभोक्ता को सबसे किफायती कैब बुक करने में मदद करेगी।