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मुख्य अभियन्ता इं0 आर0के0 अग्रवाल ने गांधी जी की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

मुख्य अभियन्ता इं0 आर0के0 अग्रवाल ने गांधी जी की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

राष्ट्रपिता महात्मा गॉंधी जी की 155 वीं एवं पूर्व प्रधानमन्त्री स्व0 लाल बहादुर शास्त्री जी की 120 वीं जयन्ती समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ।

सुपर फास्ट टाइम्स ब्यूरो सोनभद्र रामआश्रय बिन्द

ओबरा (सोनभद्र)। राष्ट्रपिता महात्मा गॉंधी जी की 155वीं एवं पूर्व प्रधानमन्त्री स्व0 लाल बहादुर शास्त्री जी की 120वीं जयन्ती समारोह ओबरा ताप विद्युत गृह के गांधी मैदान में श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर ओबरा ताप विद्युत गृह के मुख्य अभियन्ता इं0 आर0के0 अग्रवाल ने गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
इस अवसर पर एकत्रित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए श्री आर0के0 अग्रवाल ने गांधी जी के जीवन परिचय पर प्रकाष डाला एवं बताया की कैसे वह षुरूआती असफलता से हार न मान सत्य एवं अहिंसा के पथ पर चलते हुए सफलता को प्राप्त किया। गांधी जी सर्वधर्म सम्भाव को मानने वाले थे। उनका मानना था कि देष व समाज का निर्माण प्रेम व सद्भाव से होता है घृणा से नही। उनका कार्यक्षेत्र स्वतंत्रता आन्दोलन तक ही सीमित नही था। उन्होंने तत्कालीन सामाजिक बुराई अस्पृष्यता के विरोध में अभियान चलाया। इसके साथ ही वे ग्रामोत्थान कार्य में भी सक्रिय रहे। इस दौरान कुटीर उद्योग व चरखे का प्रचार किया। गांधी जी की लोकतांत्रिक लड़ाई के प्रमुख हथियार सत्य और अहिंसा थे जो बाद में विष्व मे कहीं भी चलाये जा रहे आन्दोलनों के प्रेरणा स्रोत बने। उनके जन्मदिन 2 अक्टूबर को अर्न्तराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो उनके द्वारा किये गये कार्यों के प्रति सम्मान प्रदषर््िात करता है। उन्होंने उपस्थित प्रबुद्धजनों को गांधी जी के जीवन से प्रेरणा लेने की सीख दी। आज ही के दिन हमारे देष के भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व0 लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म वाराणसी के रामनगर में एक अत्यन्त साधारण परिवार में हुआ था। उनका प्रारम्भिक जीवन काफी संघर्षमय था। उनके अन्दर देष प्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी थी। 17 वर्ष की अल्पायु में ही गांधी जी के आह्वाहन पर पढ़ाई छोड़कर असहयोग आन्दोलन में कूद पड़े थे। सादगी, ईमानदारी, दृढ़संकल्प, षुद्ध आचरण, परिश्रमी, उच्च आदर्षो में आस्था रखने वाले एवं सजग व्यक्तित्व के धनी षास्त्री जी का मानना था कि देष की स्वायत्तता एवं सम्पन्नता में जवानों व किसानांे की भूमिका विषेष होती है, इसलिए इन्हें सम्मान मिलना चाहिए। षास्त्री जी का नारा था ‘जय जवान-जय किसान’ जो उनकी नीतियों को प्रकट करता है।
इस अवसर पर समारोह में ओबरा परियोजना के मुख्य अभियन्ता (ब) इं0 राज कुमार गुप्ता, मुख्य अभियन्ता (स) इं0 एस0के0 सिंघल, मुख्य अभियन्ता (जानपद) इं0 दिवाकर स्वरूप, मुख्य अभियन्ता (कोल) इं0 वाई0के0 गुप्ता, मुख्य अभियन्ता (प्रषासन) इं0 तुलसी दास, समादेष्टा सीआईएसएफ श्री एस0के0 सिंह, सीएमओ श्री ए0के0 गुप्ता, अधीक्षण अभियन्तागण इं0 ए0के0 राय, इं0 डी0के0 सिंह, इं0 के0एस0 सचान, इं0 अच्युतेष कुमार, इं0 रमाकान्त, इं0 संजय पाण्डेय, इं0 विनोद कुमार, उप महाप्रबन्धक (लेखा) श्री अखिलेष त्रिपाठी, एसएओ श्री दीपक कुमार, अधिषासी अभियन्तागण इं0 सदानन्द यादव, इं0 अजय भारती एवं परियोजना के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। ओबरा इण्टर कालेज की छात्राओं द्वारा गांधी जी के सर्वप्रिय भजन प्रस्तुत किया गया तथा समसामायिक कविता पाठ किया गया।

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✍️ Zafar Ahmad editor-in-chief Super fast times prayagraj

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