पंजाब और हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर पर किसानों के दिल्ली मार्च को रोक दिया गया है। 101 किसानों के एक जत्थे ने शुक्रवार को दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू किया था। हालांकि कुछ ही मीटर बाद उन्हें रोक दिया गया। हरियाणा पुलिस ने इस किसानों को आगे नहीं बढ़ने को कहा है। अंबाला जिला प्रशासन ने किसी स्थान पर 5 या उससे अधिक व्यक्तियों के एक स्थान पर एक साथ एकत्र होने पर रोक लगा दी है। इसी बीच हरियाणा की सीमा पर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को भी तैनात किया गया है। इस मामले पर अब राजनीति शुरू हो चुकी है और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे लेकर बयान दिया है।
राहुल गांधी ने किसान आंदोलन पर कही ये बात
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, ‘किसान सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखने और अपनी पीड़ा को व्यक्त करने के लिए दिल्ली आना चाहते हैं। उनपर आंसू गैस के गोले दागना और उन्हें तरह-तरह से रोकने का प्रयास करना निंदनीय है। सरकार को उनकी मांगों और समस्याओं को गंभीरता से सुनना चाहिए। अन्नदाताओं की तकलीफ़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आज देश में हर घंटे एक किसान आत्महत्या करने को मजबूर होते हैं। मोदी सरकार की घोर असंवेदनशीलता के कारण पहले किसान आंदोलन में 700 से अधिक किसानों की शहादत को भी देश नहीं भूला है।’
क्या है किसानों की मांग?
उन्होंने आगे लिखा, ‘हम किसानों की पीड़ा को समझते हैं और उनकी मांगों का समर्थन करते हैं। MSP की लीगल गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों के अनुसार खेती की व्यापक लागत का 1.5 गुना MSP, क़र्ज़ माफ़ी समेत तमाम मांगों पर सरकार को तुरंत अमल करना चाहिए। जब अन्नदाता खुशहाल होंगे तभी देश खुशहाल होगा।’ बता दें कि किसानों की कुछ मांगे हैं, जिनमें एमएसपी गारंटी को कानून बनाने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट पर कीमत तय करना, किसानों की कर्जमाफी, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के दोबारा लागू होने, विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द करने, लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दिए जाने, आंदोलन में मारे गए किसान परिवार को मुआवजा देने और राज्यसभा में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इसे लेकर बोलने की मांग की गई है।