गोरखपुर सहित देश भर में बैंड-बाजा और बारात पर ब्रेक लग गई है। आज यानी की सोमवार से अब 28 दिनों तक न ही शहनाई बजेगी और न ही कोई मांगलिक कार्यक्रम होंगे। क्योंकि, आज से खरमास शुरू हो गया है। ऐसे में अब 14 जनवरी को मकर संक्रांति से सूर्य के उत्तरायण होन
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हिंदू पंचांग के अनुसार, जब सूर्य धनु और मीन राशियों में प्रवेश करते हैं, तो एक विशेष अवधि का आरंभ होता है जिसे खरमास कहा जाता है। इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों को स्थगित किया जाता है। 2024-25 में खरमास 16 दिसंबर से शुरू होकर 14 जनवरी तक रहेगा।
ज्योतिषाचार्य पं. विनोद तिवारी के अनुसार, इस समय सूर्य का तेज कमजोर पड़ता है और बृहस्पति का प्रभाव भी कम हो जाता है, जो इसे आत्म शुद्धि और धर्म-कर्म के लिए एक उपयुक्त अवसर बनाता है।
वर्जित कार्य और वैध कार्यों की सूची खरमास के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, उपनयन जैसे शुभ कार्य वर्जित होते हैं, जबकि कुछ कार्य जैसे अन्नप्राशन, व्यापार आरंभ, वाहन खरीद और फसल कटाई इस समय किए जा सकते हैं। पंडित विनोद तिवारी ने बताया कि इस अवधि में नवग्रहों की ऊर्जा का संतुलन बिगड़ जाता है, जिसके कारण शुकार्य स्थगित किए जाते हैं।
सूर्य पूजा और पुण्य कार्यों का महत्व इस समय का सही उपयोग करने के लिए सूर्य की पूजा, आदित्य हृदय स्तोत्र और विष्णु सहस्रनाम का पाठ किया जा सकता है। इन उपायों से जीवन में शांति और समृद्धि का संचार होता है। इसके अलावा, गरीबों को दान देना और ब्राह्मणों को भोजन कराना पुण्य का काम माना जाता है, जो इस समय विशेष रूप से लाभकारी है।
खरमास की शुरुआत और शादी समारोहों पर रोक खरमास का आरंभ 15 दिसंबर, रविवार की रात 10:19 बजे सूर्य के धनु राशि में प्रवेश से होगा। इसके साथ ही, 14 जनवरी तक शादी समारोहों पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। लेकिन 15 जनवरी के बाद, एक बार फिर घरों में शहनाई की आवाजें गूंजने लगेंगी।