मोटापा अब आम समस्या नहीं है। इसके चलते युवाओं में भी में डायबिटीज और कोरोनरी आर्टरी हार्ट डिजीज, बीपी, गठिया, सांस के रोग, COPD, रात में नींद न आना, स्लीप एपनिया, बैक पैन और यूरिन से जुड़ी समस्याएं, घुटनों के दर्द और जोड़ों के दर्द जैसे गंभीर रोग हो रह
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ये कहना है डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉक्टर अंशुमान पांडेय का। उन्होंने बताया कि ऐसे में ओवरवेट कब ओबेसिटी में बदल जाता है, ये पता ही नहीं चलता। हेल्थ को लेकर अलर्टनेस बेहद जरूरी है।
कैंपस@सीरीज के 78वें एपिसोड में डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर डॉ. अंशुमान पांडेय से खास बातचीत… डॉ. अंशुमान पांडेय कहते हैं कि BMI यानी बॉडी मास इंडेक्स के जरिए आइडियल बॉडी वेट को समझा जा सकता है। ओबेसिटी के साथ मेटाबोलिक सिंड्रोम जैसी समस्याएं भी आ जाती हैं, जो जानलेवा साबित हो सकती हैं। ऐसे में एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल में बदलाव करके तंदुरूस्त रहा जा सकता है।
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