बलरामपुर के हरैया क्षेत्र स्थित सोहेलवा वन्यजीव प्रभाग के वनकटवा रेंज में बाघ के पगचिह्न दिखाई देने से इलाके में दहशत फैल गई है। स्थानीय ग्रामीणों ने इन पगचिह्नों की सूचना वन विभाग को दी, जिसके बाद वन विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के नि
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गौरतलब है कि पिछले एक वर्ष से बनकटवा रेंज में जंगली जानवरों का खतरा बना हुआ है। बाघ के पगचिह्न खैरमान जलाशय के पास दिखाई दिए, जो कि इस क्षेत्र का प्रमुख जलस्रोत है। यहां रोजाना जंगली जानवर पानी पीने के लिए आते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जंगल में जलस्रोत सूख चुके हैं, जिस कारण जंगली जानवरों को जलाशय तक आना पड़ता है।
इससे पहले, करीब आठ माह से क्षेत्र में तेंदुए का भी आतंक था। हलौरा गांव में तेंदुए ने मवेशियों पर लगातार हमले किए, जिसके कारण ग्रामीणों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा। 30 से अधिक मवेशियों की जान भी तेंदुए के हमलों में चली गई। हालांकि, वन विभाग की टीम ने तीन माह पहले दो तेंदुओं को रेस्क्यू किया था, लेकिन अब भी तेंदुए की दहशत बरकरार है। तेंदुए के हमले और पगचिह्नों के बीच, अब बाघ के दिखने से स्थानीय लोग भयभीत हैं।
प्रभागीय वनाधिकारी डॉ. एम. सेम्मारन ने कहा कि पगचिह्न की जानकारी मिली है और इसकी पुष्टि के लिए जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में वन विभाग की टीम सतर्क है और स्थिति पर निगरानी बनाए हुए है। उल्लेखनीय है कि सोहेलवा वन क्षेत्र में बाघ होने की पहले भी पुष्टि हो चुकी है। दो साल पहले वन विभाग ने कैमरे से मिले फुटेज के आधार पर तीन बाघों की मौजूदगी की रिपोर्ट शासन को भेजी थी।