भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हो चुका है। इस बीच भारत की तीनों सेनाओं ने कल संयुक्त रूप से प्रेस को संबोधित किया। इस बीच महाराष्ट्र साइबर डिपार्टमेंट ने पूरे भारत में अहम बुनियादी ढांचे के वेबसाइटों पर निशाना बनाकर 15 लाख से अधिक साइबर हमले करने के लिए जिम्मेदार 7 उन्नत स्थायी खतरा (एपीटी) समूहों की पहचान की है। सोमवार को अधिकारियों ने इसे लेकर जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि इनमें से केवल 150 हमलों में ही हैकर सफल रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि दोनों देशों के बीच सीजफायर के बाद भी भारत सरकार की वेबसाइटों को पड़ोसी देश के साथ-साथ बांग्लादेश और वेस्ट एशियाई देशों के साइबर अटैक्स का सामना करना पड़ रहा है।
हैकरों को केवल 150 वेबसाइट्स को हैक करने में मिली सफलता
पत्रकारों से बात करते हुए एक महाराष्ट्र साइबर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन दावों को खारिज कर दिया जिसमें हैकर ने मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से आंकड़ों की चोरी की है, विमानन और नगर निगम प्रणालियों को बैक किया है और निर्वाचन आयोग की वेबसाइट को निशाना बनाया है। अधिकारी ने कहा, ‘‘जांच में पाया गया कि भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई समाप्त होने के बाद भारत में (सरकारी वेबसाइट पर) साइबर हमले कम हुए, लेकिन पूरी तरह से बंद नहीं हुए। ये हमले पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मोरक्को और पश्चिम एशियाई देशों से जारी हैं।’’
क्या बोले अधिकारी
वहीं पाकिस्तानी मीडिया द्वारा लगातार ये दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान के हैकरों ने भारत के कई वेबसाइट्स को निशाना बनाया है। हालांकि ऐसा नहीं है। हैकरों को केवल 150 हमलों में ही सफलता मिली है। महाराष्ट्र साइबर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक यशस्वी यादव ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार, ये साइबर हमले बांग्लादेश, पाकिस्तान, पश्चिम एशियाई देशों और एक इंडोनेशियाई समूह द्वारा किए गए। इस्तेमाल किए गए तरीकों में मैलवेयर अभियान, डिस्ट्रिब्यूटेड डेनियल-ऑफ-सर्विस (डीडीओएस) हमले और जीपीएस के माध्यम से जासूसी शामिल थी। भारतीय वेबसाइटों को भी नुकसान पहुंचाने की खबरें आईं।