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खेल अब भी जारी है! अमेरिकी हमले के बाद क्या होगी ईरान की अगली चाल? जानिए ताज़ा अपडेट्स।

 

US Attacks Iran: अमेरिका की ओर से ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हुए हमले के बाद मिडिल ईस्ट में तनाव गहरा गया है. इस हमले दुनिया को दो धड़ों में बांट दिया है, जिससे तीसरे विश्व युद्ध की आहट सुनाई देने लगी है. ट्रंप ने बताया कि अमेरिका का मकसद ईरान की न्यूक्लियर एनरिचमेंट कैपेसिटी को तबाह करना था. यूएस चाहता था कि ईरान के परमाणु खतरे को हमेशा के लिए खत्म किया जाए. रूस और चीन समेत कई मुस्लिम देशों अमेरिकी हमले की निंदा की है.

अमेरिकी हमले के बाद क्या होगा ईरान का अगला कदम?

ईरान ने कहा है कि वह अमेरिका से बदला लेगा. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा, “अमेरिका ने ईरान के शांतिपूर्ण तरीके से संचालित हो रहे परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला कर संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र, अंतरराष्ट्रीय कानून और परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का उल्लंघन किया है.” उन्होंने कहा कि हमारे पास सभी विकल्प खुले हुए हैं.

ईरानी न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से फोन पर बात की और उनसे कहा कि अमेरिकियों को उनके हमले का जवाब मिलना चाहिए. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के सलाहकार अली शमखानी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “भले ही परमाणु स्थल नष्ट हो जाएं, लेकिन खेल खत्म नहीं हुआ है.”

सीजफायर को लेकर प्रस्ताव पेश किया गया

रूस, चीन और पाकिस्तान ने मध्य पूर्व में युद्ध विराम के लिए ड्राफ्ट प्रस्ताव पेश किया. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक तीनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आपातकालीन सत्र से पहले मिडिल ईस्ट में तुरंत और बिना किसी शर्त सीजफायर के लिए ड्राफ्ट प्रस्ताव रखा है. हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि इसे कब मतदान के लिए रखा जाएगा. प्रस्ताव को पारित होने के लिए कम से कम नौ वोटों की जरूरत होती है. इसके साथ ही संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस या चीन की ओर से वीटो नहीं किया जाना चाहिए.

स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने की मंजूरी

अमेरिकी हमले के बाद ईरान की संसद ने स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने की मंजूरी दी. हालांकि यह निर्णय अभी अंतिम नहीं है. दुनिया के लगभग 20 फीसदी तेल और गैस व्यापार के लिए महत्वपूर्ण स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने का निर्णय अब ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पास है.

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने चीन से आग्रह किया है कि वह ईरान को स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद न करने के लिए प्रोत्साहित करें. अमेरिका ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो यह आर्थिक खुदखुशी होगी. भारत ने कहा है कि ईंधन आपूर्ति के लिए जरूरी कदम उठाएंगे.

पीएम मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति से बात की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान से बातचीत की और ईरान-इजराइल के बीच संघर्ष को लेकर भारत की ओर से गहरी चिंता जतायी. पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “हमने तनाव तत्काल कम करने की अपनी अपील दोहरायी तथा यह भी कि क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता बहाली संवाद और कूटनीति के जरिए ही हो सकती है.”

अमेरिका का हमला गैर-जिम्मेदाराना- रूस

ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमले को रूस ने गैर-जिम्मेदाराना करार देते इसकी कड़ी निंदा की. रूस ने कहा यह अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का घोर उल्लंघन है. रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘किसी संप्रभु देश पर मिसाइल और बम से हमला करने का निर्णय गैर-जिम्मेदाराना है, भले ही इसके लिए कोई भी दलील दी जाए.”

अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन- चीन

चीन ने इस पूरे घटनाक्रम की निंदा करते हए कहा कि अमेरिका ने यह कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र चार्टर के लक्ष्य और सिद्धांत और अंतर्राष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन है. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, “इससे मध्य-पूर्व क्षेत्र में तनाव बढ़ा है. चीन से इजरायल से जल्दी ही युद्धविराम करने और आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके इसके लिए वार्ता शुरू करने की अपील की. चीन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ एकजुट होकर न्याय की रक्षा करेगा और मध्य-पूर्व क्षेत्र में शांति व स्थिरता बहाल करने में प्रयास करेगा.”

अमेरिकी हमले के बाद मुस्लिम देशों की प्रतिक्रिया

सऊदी अरब ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के हमले को लेकर गहरी चिंता जताई. विदेश मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि हम मिडिल ईस्ट की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. कतर के विदेश मंत्रालय ने चिंता जाहिर करते हुए कहा, “क्षेत्र में मौजूदा खतरनाक तनाव, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विनाशकारी परिणामों की ओर ले जा सकता है.” ओमान ने ईरान के भीतर अमेरिकी हवाई हमलों की निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सीधा उल्लंघन बताया. ओमान ने सभी पक्षों से हालात को शांत करने की अपील की.

ट्रंप का समर्थन करने वाले पाकिस्तान ने क्या कहा?

पाकिस्तान ने ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमलों की निंदा की और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया.पाकिस्तान ने क्षेत्र में हिंसा के और बढ़ने की आशंका भी जताई है. इससे एक दिन पहले ही पाकिस्तान ने नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया था. पाकिस्तान ने कहा कि ये हमले अंतरराष्ट्रीय कानून के सभी मानदंडों का उल्लंघन हैं और ईरान को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत खुद का बचाव करने का वैध अधिकार है.

अमेरिका डेमोक्रेटिक पार्टी ने ट्रंप से पूछा सवाल

अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ईरान के परमाणु केंद्रों पर हमले करने के अपने फैसले के लिए जनता को स्पष्ट जवाब देना चाहिए. सीनेटर चक शूमर ने जोर देकर कहा कि किसी भी राष्ट्रपति को एकतरफा तरीके से देश को युद्ध जैसी परिणामकारी चीज में झोंकने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

अमेरिका-इजरायल के सपोर्ट में आया यूके

अमेरिकी हमलों के बाद ऐसा लग रहा है कि दुनिया दो टुकड़ो में बंट गई है. एक तरफ रूस-चीन समेत कई मुस्लिम देशों ने अमेरिकी हमले की निंदा की और इसे अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन बताया. वहीं इजरायल ने अमेरिका को धन्यवाद कहा. यूके के पीएम कीर स्टार्मर ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया और कहा कि ईरान को कभी भी परमाणु हथियार विकसित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती.

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