‘कांटा लगा’ फेम और 90 के दशक के बच्चों की पसंदीदा एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला का निधन कार्डियक अरेस्ट की वजह से हो गया। वह सिर्फ 42 साल की थीं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 27 जून की रात उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया। इसके तुरंत बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। यह पहला मामला नहीं है, जब किसी की जान कार्डियक अरेस्ट की वजह से गई हो। हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें लोगों की अचानक हार्ट रुकने से मौत हो गई। आइए जानते हैं कि कार्डियक अरेस्ट कितना खतरनाक होता है और इससे किसी की जान कैसे बचाई जा सकती है।
हर साल हजारों लोगों की जान लेता है कार्डियक अरेस्ट
एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ अमेरिका में ही हर साल करीब 3.5 लाख लोगों की मौत कार्डियक अरेस्ट से होती है। भारत में भी पिछले कुछ समय में इस तरह की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। कई मामलों में देखा गया है कि लोग जिम करते हुए, डांस करते हुए या सामान्य काम करते वक्त अचानक गिर जाते हैं और उनकी मौत हो जाती है
क्या होता है कार्डियक अरेस्ट?
अक्सर लोग कार्डियक अरेस्ट को हार्ट अटैक समझ लेते हैं, जबकि दोनों में फर्क होता है। कार्डियक अरेस्ट एक इमरजेंसी स्थिति होती है, जिसमें हार्ट की धड़कन अचानक रुक जाती है। अगर समय पर इलाज न मिले, तो व्यक्ति की जान जा सकती है। वहीं हार्ट अटैक में दिल की धड़कन नहीं रुकती, बल्कि हार्ट को खून पहुंचाने वाली धमनियों में रुकावट आ जाती है।
कैसे बचाई जा सकती है जान?
अगर किसी को कार्डियक अरेस्ट होता है, तो सबसे पहले उसे तुरंत CPR देना चाहिए। CPR में छाती को दबाकर और मुंह से सांस देकर हार्ट और दिमाग तक ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है। अगर आपके पास ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर (AED) है, तो उसका इस्तेमाल करें। यह डिवाइस हार्ट को फिर से धड़काने में मदद करता है।
इसके अलावा, जो लोग पहले से दिल की समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें डॉक्टर से नियमित जांच कराते रहना चाहिए। साथ ही, हेल्दी डाइट लेना, रोजाना व्यायाम करना, स्मोकिंग से दूर रहना और वजन नियंत्रित रखना भी जरूरी है।