कांग्रेस राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, ‘इंडिया’ ब्लॉक के नेताओं ने राज्यसभा के सभापति के खिलाफ नो-कॉन्फिडेंस मोशन लाने का निर्णय लिया है। विपक्षी नेताओं का दावा है कि अब तक इस पर 50 से ज्यादा सांसदों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। ‘इंडिया’ ब्लॉक की सभी पार्टियों ने इस अविश्वास प्रस्ताव पर सहमति जताई है और जल्द ही इसे राज्यसभा में प्रस्तुत किया जा सकता है।
सभापति पर पक्षपात का आरोप
दरअसल, संसद के शीतकालीन सत्र के दोनों सदनों की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है। विपक्षी सांसदों की ओर से बार-बार सभापति पर पक्षपात करने का आरोप लगाया जाता रहा है। विपक्ष ने उन पर सदन में पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाया है। विपक्षी पार्टियां संविधान के अनुच्छेद 67(बी) के तहत अविश्वास प्रस्ताव पेश करेंगी। सूत्रों के मुताबिक, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी समेत इंडिया गठबंधन की सभी पार्टियों ने अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में अपने हस्ताक्षर कर दिए हैं।
तीन बार स्थगित हुई राज्यसभा की कार्यवाही
वहीं, सोमवार को राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच भारी हंगामा हुआ, जिसके कारण उच्च सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करने के बाद दोपहर करीब 3 बजकर 10 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। NDA के सदस्य ने कांग्रेस और उसके नेताओं पर विदेशी संगठनों के जरिए देश की सरकार और अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का आरोप लगाया और इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की। वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने अदाणी समूह से जुड़े मुद्दे को उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
राज्यसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित
तीन बार के स्थगन के बाद जब सदन की बैठक फिर से शुरू हुई, तो विपक्षी सदस्य अदाणी समूह से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए प्रधानमंत्री और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। कुछ सदस्य अपनी सीटों से आगे बढ़कर नारेबाजी कर रहे थे, जिससे सदन में माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस हंगामे के बीच, राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उनके कक्ष में नेता सदन जेपी नड्डा और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठक हुई थी, जिसमें कई अन्य वरिष्ठ सदस्य भी मौजूद थे। सभापति ने बताया कि मंगलवार सुबह फिर से इन नेताओं के साथ बैठक होगी। उन्होंने सदस्यों से सदन को सुचारू रूप से चलने देने का आग्रह किया, लेकिन इसके बावजूद हंगामा जारी रहा। आखिरकार सभापति ने अपराह्न करीब 03:10 बजे राज्यसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।