केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर लेह में बुधवार को प्रदर्शन हिंसक हो गया। आंदोलन में शामिल छात्रों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हुई, जिसमें 4 लोगों की मौत और 70 से अधिक लोग घायल हुए। प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने पत्थरबाजी की और भाजपा कार्यालय तथा CRPF की एक गाड़ी को आग के हवाले किया।
हिंसा के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सीएपीएफ की कम से कम 12 कंपनियों को लेह भेजा जा रहा है, जबकि आईटीबीपी की चार और कंपनियां भी मौके पर तैनात की गई हैं। प्रशासन ने जुलूस, रैली और मार्च पर रोक लगा दी है।
लेह के उपराज्यपाल ने कहा कि विरोध प्रदर्शन में साजिश की आशंका है और बाहर के लोग भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि बुधवार को हुई मौतों की जिम्मेदारी भीड़ को भड़काने वालों पर है।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग है कि लद्दाख को दोबारा पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए, संविधान की छठवीं अनुसूची लागू की जाए और करगिल तथा लेह को लोकसभा सीट दी जाए।
बीजेपी ने आरोप लगाया कि हिंसा के पीछे कांग्रेस का हाथ है। वहीं जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने हिंसा के बाद अपनी भूख हड़ताल वापस ले ली। पिछले 18 महीनों से वह लगातार प्रदर्शन कर रहे थे और उनका आंदोलन कई बार केंद्र से वार्ता के आश्वासन के बाद भी जारी रहा।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि वांगचुक का एजेंडा शुरू से स्पष्ट था और उन्होंने युवाओं का इस्तेमाल अपने निजी लाभ के लिए किया।