बरेली के बहेड़ी थाना क्षेत्र में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। भुडिया कॉलोनी चौकी के इंचार्ज दीपचंद को एंटी करप्शन की टीम ने 50,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इस मामले में पीड़ित ने दरोगा पर मुकदमे में मदद करने के बदले रिश्वत
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कैसे हुआ मामला उजागर
पीड़ित शिकायतकर्ता जिशान मलिक ने आरोप लगाया कि उनके चाचा और भाइयों पर दर्ज एक मुकदमे में चौकी इंचार्ज दीपचंद ने गिरफ्तारी से बचाने और केस निस्तारण के बदले 50,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। पीड़ित ने यह भी कहा कि दरोगा ने धमकी दी थी कि अगर पैसे नहीं दिए गए, तो उनके परिवार के सभी सदस्यों को जेल भेज दिया जाएगा। शिकायतकर्ता ने एंटी करप्शन संगठन में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई। एंटी करप्शन टीम ने मामले की प्राथमिक जांच की और रिश्वत मांगे जाने के आरोप को सही पाया। इसके बाद एक ट्रैप टीम का गठन किया गया।
गिरफ्तारी की कार्यवाही
एंटी करप्शन टीम ने योजना बनाकर शिकायतकर्ता को चिह्नित 50,000 रुपये की रिश्वत के साथ चौकी भेजा। जैसे ही दरोगा दीपचंद ने यह राशि स्वीकार की, ट्रैप टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया। चौकी परिसर में गिरफ्तारी के समय टीम ने रिश्वत की रकम बरामद कर ली। इसके अलावा, दरोगा के पास से एक मोबाइल फोन, नकद 3,000 रुपये और एक पिस्तौल भी जब्त की गई। गिरफ्तारी के समय, चिह्नित नोटों पर फॉरेंसिक जांच के लिए केमिकल नोटो पर लगाया गया था। दरोगा के हाथ धोने पर रंग बदलने वाले केमिकल का निकलने लगा।
एंटी करप्शन टीम का बयान
एंटी करप्शन टीम के प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपित दरोगा पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7, 13(1)(बी), और 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। टीम ने दरोगा के खिलाफ देवरनिया थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है।
चौकी इंचार्ज की भूमिका संदिग्ध
टीम के मुताबिक, दरोगा दीपचंद की छवि पहले से ही संदिग्ध रही है। शिकायत के अनुसार, वह बिना रिश्वत लिए किसी भी कार्रवाई को अंजाम नहीं देते थे। गिरफ्तार दरोगा दीपचंद को कोर्ट में पेश किया जाएगा। दरोगा की गिरफ्तारी से चौकी पर तैनात अन्य पुलिसकर्मियों पर भी सवाल उठने लगे हैं। एंटी करप्शन टीम ने इसे बड़ी कार्रवाई बताया है।