नोएडा मेट्रो की एक्वा लाइन का विस्तार अब एक और चरण आगे बढ़ गया है। ग्रेटर नोएडा डिपो से बोड़ाकी तक प्रस्तावित रूट के लिए डीपीआर के तहत डिटेल ड्राइंग डिजाइन तैयार कराई जाएगी। इसके लिए आरएफपी जारी हो चुकी है और जल्द ही एजेंसी का चयन किया जाएगा। डिजाइन को आईआईटी जैसी संस्था से सत्यापित कराया जाएगा। साथ ही, मिट्टी की जांच के लिए अलग से कंपनी हायर होगी। रिपोर्ट आने के बाद निर्माण के लिए भी कंपनी का चयन किया जाएगा। इस विस्तार को पहले ही केंद्र सरकार से मंजूरी मिल चुकी है और इस संबंध में आधिकारिक पत्र भी जारी हो चुका है।
यह विस्तार ग्रेटर नोएडा डिपो से बोड़ाकी तक होगा, जहां पर एमएमटीएच (मल्टी-मॉडल ट्रांजिट हब) बन रहा है और मेट्रो भी उसका हिस्सा होगी। इस रूट पर केवल दो स्टेशन—जुनपत और बोड़ाकी होंगे। बोड़ाकी में बड़ा स्टेशन बनेगा, जहां रेलवे टर्मिनल, बस स्टैंड और अन्य सुविधाएं होंगी। अनुमान है कि यहां यात्रियों की संख्या काफी अधिक होगी।
परियोजना के तहत 2.6 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक तैयार किया जाएगा। इस रूट पर मेट्रो संचालन पर 416.34 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। यह लाइन स्टैंडर्ड गेज (1435 एमएम) पर आधारित होगी और इसे तैयार करने के लिए तीन साल का समय तय किया गया है।
वित्तीय संरचना के अनुसार, कुल लागत में भारत सरकार की हिस्सेदारी 20% (करीब 70.59 करोड़ रुपए), उत्तर प्रदेश सरकार की 24% (करीब 91.08 करोड़ रुपए) होगी। वहीं लगभग 60% (करीब 211.80 करोड़ रुपए) राशि डोमेस्टिक लोन और पीपीपी मॉडल से जुटाई जाएगी। भूमि लागत लगभग 10.44 करोड़ रुपए होगी। इस तरह तीन साल की समयसीमा में इस योजना को पूरा करने की तैयारी है।