नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई
विधेयक के अनुसार, नियमों का उल्लंघन कर ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवा उपलब्ध कराने वालों को तीन साल तक की कैद या एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. विज्ञापन देने पर उल्लंघन की स्थिति में दो साल तक की कैद या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. लेन-देन में शामिल लोगों पर भी तीन साल तक की कैद या एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. बार-बार अपराध करने पर कठोर कारावास (3-5 साल) और भारी जुर्माने का प्रावधान है.
खिलाड़ियों को अपराधी नहीं माना जाएगा
विधेयक में स्पष्ट किया गया है कि धन से जुड़े ऑनलाइन गेम खेलने वाले खिलाड़ियों को अपराधी नहीं माना जाएगा. इसके पीछे सोच यह है कि उन्हें अपराधी नहीं बल्कि पीड़ित माना जाए. विधेयक का फोकस उन लोगों पर है जो ऐसे खेलों को बढ़ावा देते हैं. साथ ही बैंकों और वित्तीय संस्थानों को वास्तविक धन वाले ऑनलाइन गेम से जुड़े लेन-देन की अनुमति नहीं होगी.
ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ी चिंताएं
धन से जुड़े ऑनलाइन गेम की वजह से वित्तीय नुकसान, अवसाद और आत्महत्या जैसी गंभीर घटनाएं सामने आई हैं. मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध गतिविधियों में इसके इस्तेमाल को लेकर भी चिंताएं हैं. वहीं, गेमिंग की लत और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर को लेकर भी बहस बढ़ी है.
वैधानिक नियामक प्राधिकरण का गठन
विधेयक में एक वैधानिक नियामक प्राधिकरण गठित करने का प्रस्ताव है, जो पंजीकरण और अनुपालन व्यवस्था की निगरानी करेगा. प्राधिकरण यह तय करेगा कि कोई खेल ऑनलाइन मनी गेम की श्रेणी में आता है या नहीं.