नवरात्रि के पर्व के दौरान बाजार में व्रत में खाएं जाने वाले चीजों में मिलावट देखने को मिलती है। नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि के व्रत रखने वाले कई लोग कुट्टू के आटे से बनी पूड़ियां और हलवा जैसे पारंपरिक पसंदीदा डिश फलाहार के तौर पर खाते हैं, यह काफी न्यूट्रिशन से भरपूर होता है। कुट्टू का आटा आयरन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर से भरपूर होता है। यह न केवल व्रत के दौरान कमजोरी से बचाता है, बल्कि नियमित रूप से सेवन करने पर कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। हालांकि, त्योहारों के मौसम में बढ़ती मांग के कारण, बाज़ार में मिलावटी कुट्टू का आटा भी आने लगा है। इसलिए बाजार से कुट्टू का आटा खरीदते समय इन बातों का ध्यान रखें।
कुट्टू का आटे का रंग देखें
शुद्ध कुट्टू का आटा आमतौर पर हल्के भूरे या स्लेटी रंग का दिखाई देता है। अगर आटा असामान्य रूप से सफेद या चमकीला दिखाई दे, तो हो सकता है कि उसमें स्टार्च या रिफाइंड गेहूं का आटा मिला हो। खरीदते समय हमेशा रंग की अच्छी तरह जांच करें।
सूंघ कर इसकी खुशबू चैक करें
ताजा कुट्टू के आटे में हल्की, मेवे जैसी खुशबू होती है। अगर आटे में रासायनिक गंध आ रही हो या वह बासी लग रहा हो, तो हो सकता है कि वह बासी या मिलावटी हो। अगर खुशबू अजीब लगे तो उसे खरीदने से बचें।
टेस्ट और आटे की बनावट को देखें
शुद्ध कुट्टू के आटे का स्वाद थोड़ा अखरोट जैसा और मिट्टी जैसा होता है। अगर इसका स्वाद ज़्यादा मीठा या फीका लगे, तो यह मिलावट का संकेत हो सकता है। इसके अलावा, आटा गूंथते समय, शुद्ध आटे की बनावट थोड़ी खुरदरी होती है। अगर आटा ज़्यादा नरम निकले, तो संभावना है कि उसमें स्टार्च या मैदा मिलाया गया हो।
घर पर पानी से करें टेस्ट
एक कप पानी में एक चम्मच आटा डालें और मिलाएं। शुद्ध कुट्टू का आटा पानी में तैरेगा और धीरे-धीरे फैलेगा। अगर यह जल्दी घुल जाए या अवशेष छोड़ दे, तो यह मिलावटी होने की संभावना है।
लोकप्रिय ब्रांडों से खरीदें
इस बात का ध्यान रखें कि, कुट्टू का आटा हमेशा विश्वसनीय ब्रांड या प्रतिष्ठित दुकानों से ही खरीदें। इसे ठंडी, सूखी जगह पर एक एयरटाइट कंटेनर में रखें। आटे को निकालने के लिए कभी भी गीले हाथों या गीले चम्मच का इस्तेमाल न करें, क्योंकि नमी इसे खराब कर सकती है।