ये फोटो 19 दिसंबर का है। आरोपियों को साइबर थाना पुलिस अरेस्ट कर लखनऊ से लाई थी।
सहारनपुर में आयुष्मान योजना के नाम पर डॉक्टर से 90 लाख की ठगी करने वाले तीन आरोपियों को पुलिस ने अरेस्ट किया है। इस गैंग के छह सदस्य है, तीन अभी फरार है। गैंग के मास्टरमाइंड अंकित ने अपने खाते में ऑनलाइन 90 लाख रुपए डॉक्टर से डलवाए। फिर पैसों को परिज
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8 दिन गोवा में दोस्तों के साथ रहा पुलिस के अनुसार, गैंग का मास्टरमाइंड अंकित जायसवाल है। ये अपने गैंग को लखनऊ से ऑपरेट करता था। आरोपी ऑनलाइन ठगी करने का मास्टर है। पहले भी राजस्थान जेल में रह चुका है। आरोपी अंकित ने डॉक्टर से पहले 19 हजार रुपए में दो बिल पास करने की बात कही। जुलाई से सितंबर तक लगातार बिलों के बारे में बात होती रही। तीन माह में आरोपी ने अपने बैंक अकाउंट से डॉक्टर से 20 लाख रुपए की ट्रांसजेक्शन करा ली थी।
…फिर शुरू हुआ ब्लैकमेलिंग का खेल तीन महीन के तक धीरे-धीरे कर 20 लाख रुपए अकाउंट में डलवाए। उसके बाद तीनों ठगों अंकित जायसवाल, अभय शर्मा और विवेक शर्मा ने डॉक्टर पर रौब गालिब करना शुरू किया। डॉक्टर से ओर पैसे ऐंठने के लिए आरोपियों ने डॉक्टर से कहा कि आपकी वजह से इस मामले में जांच शुरू हो गई है।
पुलिस हमारे पीछे हैं और तुम्हारे तक भी पहुंच सकती है। क्योंकि हम पकड़े गए तो तुम्हारा नाम ही बताएंगे। जिसके बाद डॉक्टर डर गए। डॉक्टर ने कहा-इस मामले को निपटवा दो। उसके बाद ठग समझ गए कि डॉक्टर डर गए। उन्होंने 70 लाख रुपए की डिमांड ओर रख दी। डॉक्टर ने ठगों को कुल मिलाकर 90 लाख 30 हजार 200 रुपए बैंक अकाउंट में डाल दिए।
पढ़िए…क्या था मामला दरअसल, थाना जनकपुरी क्षेत्र की सड़क दूधली के महीपुरा कॉलोनी के रहने वाले डॉ.प्रभात कुमार वर्मा ने साइबर थाने में 11 नवंबर को केस दर्ज कराया था। उनका कहना था कि आरोपियों ने गूगल से डाटा जुटाकर सर्जन डॉ.प्रभात कुमार के पास फोन कर कहा कि उनकी शासन में अच्छी सेंटिंग है। जल्द आयुष्मान योजना के बिल पास करा देंगे। डॉक्टर भी उनके झांसे में आ गए।
90 लाख रुपए ऑनलाइन डाले डॉ.प्रभात वर्मा के अनुसार, अलग-अलग नर्सिंग होम के बिलों को पास कराने का सौदा किया। आरोपियों ने इसके लिए 10% कमीशन मांगा। डॉक्टर ने शुरू में 20 लाख रुपए ऑनलाइन दे दिए। कुछ दिन बाद आरोपियों ने कहा कि अधिकारियों को रकम देनी है। आरोपियों ने डॉक्टर से कुल 90 लाख 30 हजार 200 रुपए ओर ले लिए। बाद में फोन बंद कर लिया।