Breaking News

संभल के चाय विक्रेता के बेटे देव डुडेजा ने UPSC में पाई सफलता, 327वीं रैंक के साथ बोले – बचपन का सपना हुआ साकार, मेहनत और धैर्य से ही मिलती है कामयाबी

 

संभल में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा-2024 में चाय विक्रेता के बेटे देव डुडेजा ने 327वीं रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त की है। उन्होंने 2021 में परीक्षा की तैयारी शुरू की थी। 2022 में पहले प्रयास में वे इंटरव्यू तक पहुंचे, लेकिन अंतिम चयन नहीं हो पाया था।

 

कोतवाली चंदौसी कस्बा क्षेत्र निवासी देव ने बताया, यह सफलता परिवार के सहयोग और भगवान के आशीर्वाद से संभव हो पाई। वे टॉप 50 या टॉप 10 में स्थान पाने की आकांक्षा रखते हैं। परिवार के साथ खुशी मनाते हुए उन्होंने अपनी सफलता की कहानी साझा की। शुरू से ही उनकी सिविल सेवा में गहरी रुचि थी और उसी अनुरूप उन्होंने अपने विषयों का चयन किया।

देव डुडेजा को मिठाई खिलाते परिजन।

देव डुडेजा ने बताया कि उनके बड़े भाई ने उन्हें सिविल सेवा के लिए लगातार प्रेरित किया। वर्तमान में उनके भाई निजी क्षेत्र में कार्यरत हैं। देव ने अपनी तैयारी एनसीईआरटी की किताबों से शुरू की और 2021 में कोचिंग ज्वाइन की। 2022 और 2023 में असफल रहने के बाद 2024 में उन्हें आखिरकार सफलता मिली।

उन्होंने बताया कि परीक्षा के समय वे विशेष रूप से सक्रिय हो जाते थे। प्रीलिम्स और मेन्स के लिए अलग-अलग रणनीति अपनाई। तैयारी के दौरान उन्होंने नियमित अध्ययन पर जोर दिया।

देव का मानना है कि लगन और धैर्य के साथ निरंतर प्रयास करना सफलता की कुंजी है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, दादा-दादी, परिवार के अन्य सदस्यों, दोस्तों और शिक्षकों को दिया। उनके माता-पिता का कहना है कि बेटे ने शुरू से ही कड़ी मेहनत की और उसका सपना हमेशा देश सेवा में योगदान देने का रहा है। परिवार को देव की इस उपलब्धि पर गर्व है।

यूपीएससी में सिलेक्शन के बाद देव डुडेजा ने परिवार के साथ विक्ट्री निशान दिखाया।

अपने बचपन के सपने के साकार होने पर भावुक होते हुए देव ने कहा कि वह रोज़ाना 6-7 घंटे पढ़ाई करते थे और सिलेबस के अनुसार समय का सही बंटवारा करते हुए तैयारी को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि वे खुद को बहुत बड़ा नहीं मानते, उनका लक्ष्य समाज में सकारात्मक बदलाव लाना और देश की सेवा करना है। उन्होंने पब्लिक सर्विस के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

देव ने परिवार के संघर्ष को याद करते हुए बताया कि उनके पिता, ताऊजी और बड़े पापा की कड़ी मेहनत का ही परिणाम है कि आज यह दिन देखने को मिला। विशेष रूप से अपनी मां का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, मां ने हमेशा समर्थन दिया और कहा – जो तुम्हें करना है करो, मैं तुम्हारे साथ हूं। आज परिवार की खुशी देखकर वे बेहद प्रसन्न हैं।

देव ने बताया, यह सफलता परिवार के सहयोग और भगवान के आशीर्वाद से संभव हो पाई।

उनकी मां चंद्रप्रभा एक जूनियर हाई स्कूल में शिक्षिका हैं। उन्होंने बताया कि बेटे को शुरू से ही प्रशासनिक सेवा में जाने की इच्छा थी। वह देश की सेवा करना और समाज के विकास में योगदान देना चाहता है। देव के पिता चंद्र मोहन पिछले 45 वर्षों से चाय का व्यवसाय कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेटे की सफलता से पूरा परिवार गौरवान्वित महसूस कर रहा है। यह उपलब्धि पूरे परिवार की मेहनत और संघर्ष का फल है।

 

About SFT-ADMIN

Check Also

इस्लामाबादः पाकिस्तान ने भारतीय गानों पर लगाया प्रतिबंध, FM रेडियो स्टेशनों पर पूरी तरह बैन

पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर भारत की ओर से बदले की आशंका से घबराए पाकिस्तान …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *