इंडोनेशिया के सेरम द्वीप पर सोमवार, 21 अप्रैल को 5.5 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे लोग दहशत में आ गए। भूकंप आने की यह जानकारी जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेस (GFZ) ने दी है और इसके मुताबिक, भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर गहराई में था, जिसकी वजह से झटके तेज महसूस किए गए। हालांकि फिलहाल इस भूकंप से किसी के घायल होने या किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, यह भूकंप इंसेरम द्वीप के सुलावेसी के कोटामोबागु के दक्षिण-पूर्व में रात 11:50 बजे (आईएसटी) आया था।
बता दें कि दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई इलाकों में शनिवार, 19 अप्रैल की दोपहर में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के नेशनल सेंटर फार सीस्मोलाजी (एनसीएस) के अनुसार यह भूकंप दोपहर 12:18 बजे आया था।
शनिवार को अफगानिस्तान में आया था भूकंप
शनिवार को आए इस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में सतह से 130 किलोमीटर की गहराई पर था और रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.8 थी। एनसीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अफगानिस्तान और इसके आसपास के क्षेत्रों में जब भी भूकंप आता है तो दिल्ली में इसके झटके महसूस किए जाते हैं। भूकंप का केंद्र जमीन में काफी गहराई में होने के कारण दिल्ली में इसका खास असर नहीं रहा और थोड़ा जर्क जैसा महसूस किया गया। इसके कारण कहीं कोई नुकसान की सूचना नहीं है।
रिंग ऑफ फायर क्षेत्र में आता है इंडोनेशिया
इंडोनेशिया प्रशांत महासागर के किनारे फैला हुआ है और इसे दुनिया का सबसे खतरनाक भू-भाग माना जाता है, जहां ज्वालामुखी फटने और जमीन के अंदर हलचल होने से भूकंप आते हैं। कई बार इन भूकंपों की वजह से सुनामी भी आ जाती है और इसी वजह से यह क्षेत्र ‘रिंग ऑफ फायर’ के हिस्से में आता है, जहां दुनिया के 75% सक्रिय ज्वालामुखी पाएं जाते हैं। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 90% भूकंप इसी इलाके में आते हैं. बड़े भूकंपों में से भी 81% इसी क्षेत्र में होते हैं।