बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड (बीसीएमएल) दशहरे के अवसर पर अयोध्या स्थित श्रीराम मंदिर में परंपरा और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को जोड़ने वाली एक अनूठी पहल करने जा रहा है। कंपनी मंदिर में पॉलीलैक्टिक अम्ल (PLA) से बने पर्यावरण–अनुकूल प्रसाद के डिब्बे और पानी की बोतलें वितरित करेगी। यह पहल ‘स्वच्छता ही सेवा 2025’ अभियान का हिस्सा है, जो 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक आयोजित किया जा रहा है।
कंपनी ने दक्षिण और पश्चिम भारत के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम साझेदारों के सहयोग से 2.5 लाख से अधिक प्रसाद डिब्बे और 1 लाख पानी की बोतलें तैयार की हैं। इस कार्य में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का भी सहयोग शामिल है, ताकि पूरी प्रक्रिया मंदिर की पवित्रता को बरकरार रखते हुए संपन्न हो।
पीएलए एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त, पूर्णतः खाद्य-सुरक्षित और जैव-आधारित विकल्प है, जो पारंपरिक प्लास्टिक की तुलना में अधिक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल होता है। इन डिब्बों और बोतलों को इस प्रकार तैयार किया गया है कि ये ISO 17088 मानक के अनुरूप कम्पोस्ट होकर प्राकृतिक रूप से नष्ट हो जाते हैं और कचरा फैलने से रोकते हैं।
बीसीएमएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक विवेक सरावगी ने कहा कि सतत विकास उनके लिए कोई विकल्प नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है। दशहरे और स्वच्छ भारत दिवस (2 अक्टूबर) के अवसर पर इस पहल की शुरुआत प्रतीकात्मक रूप से की जा रही है। उनका मानना है कि मंदिरों में बड़ी संख्या में आने वाले भक्तों के कारण प्लास्टिक कचरा बढ़ता है, और पीएलए के माध्यम से यह साबित किया जा सकता है कि आस्था और परंपरा के साथ-साथ टिकाऊ विकल्प भी अपनाए जा सकते हैं।
कंपनी की कार्यकारी निदेशक अवंतिका सरावगी ने कहा कि भारतीय सभ्यता सदैव प्रकृति के साथ सामंजस्य में रही है। ऐसे नवाचारों को लोगों तक पहुंचाना जरूरी है ताकि वे इन्हें समझें और अपनाएं। उन्होंने कहा कि दशहरा जैसे सांस्कृतिक पर्व टिकाऊ विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए सर्वश्रेष्ठ अवसर हैं, और स्वच्छता ही सेवा अभियान से जुड़कर यह संदेश दिया जा रहा है कि स्थिरता केवल पर्यावरण का विषय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय कर्तव्य है।