रांची लैंड स्कैम मामले में ईडी ने 23 सितंबर 2025 को रांची और दिल्ली में 9 ठिकानों पर छापेमारी की। इस मामले की जांच प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की जा रही है। छापेमारी मुख्य रूप से ब्रजेश कुमार सिंह और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर हुई, जिन्हें इस घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है।
झारखंड पुलिस ने इस लैंड ग्रैबिंग सिंडिकेट के खिलाफ कई FIR दर्ज की थीं, जिनके आधार पर ईडी ने जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि आरोपी सरकारी अफसरों, खासकर सर्कल ऑफिसर्स के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज बनाते थे। इन नकली दस्तावेज़ों की मदद से वे आदिवासी जमीन, सरकारी जमीन और भुईंहरी जमीन, जिन्हें बेचा नहीं जा सकता, को अवैध तरीके से खरीद-बेच रहे थे।
इससे पहले मुख्य आरोपी कमलेश कुमार को 26 जुलाई 2024 को ईडी ने गिरफ्तार किया था। उसके घर से 1.02 करोड़ रुपये नकद और 100 राउंड जिंदा कारतूस बरामद किए गए थे। इसके बाद कमलेश और पांच अन्य के खिलाफ विशेष PMLA कोर्ट, रांची में चार्जशीट दाखिल की गई।
हाल ही में हुई छापेमारी में ईडी को बड़ी मात्रा में फर्जी जमीन सौदे से जुड़े दस्तावेज़ और डिजिटल डिवाइस मिले, साथ ही 59 लाख रुपये नकद भी जब्त किए गए। जांच अभी जारी है और उम्मीद है कि आगे और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
ईडी की ओर से यह कार्रवाई कांके रिसॉर्ट, रातू रोड के सुखदेव नगर, कडरू, बरियातू और अशोक नगर सहित अन्य इलाकों में हुई। इन स्थानों पर आदिवासी जमीन को फर्जी दस्तावेज बनाकर जेनरल प्लॉट दिखाया गया और बाद में इसकी खरीद-बिक्री की गई।
इससे पहले 10 जुलाई 2024 को ईडी की टीम ने कांके अंचल क्षेत्र में विवादित जमीन का सत्यापन किया था, जिसमें सीएनटी और सरकारी जमीन से जुड़े दस्तावेजों की जांच के साथ स्थानीय लोगों के बयान भी दर्ज किए गए थे।