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पराली 2 एकड़ खेत जलाने पर 5 हजार, 2 एकड़ से 5 एकड़ खेत जलाने पर 10 हजार एवं 5 एकड़ से अधिक पराली जलाने पर 30 हजार रुपये के अर्थदण्ड की वसूली की जाएगी। इसकी पुनरावृत्ति करने पर अर्थदण्ड की धनराशि दोगुनी होकर बढ़ती जाएगी।
अपर जिलाधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वह अपने-अपने क्षेत्र में ग्राम प्रधानों, पंचायत सहायकों के माध्यम से पराली न जलाने के सम्बन्ध में अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें। जिले के विकास खण्ड लालगंज, हलिया, जमालपुर, नरायनपुर व राजगढ़ से पराली जलाने की घटनायें अधिक आती है। सभी गांवों में ग्राम प्रधानों के माध्यम मुनादी करा दिया जाए, कि पराली जलाया तो जुर्माना भरना पड़ेगा।
तहसील स्तर पर उड़न दस्तों का गठन
किसानों को कहा गया कि वॉट्सऐप ग्रुप से किसानों के बीच में जानकारी दे। ग्राम प्रधान एवं क्षेत्रीय लेखपाल किसी भी दशा में अपने क्षेत्र में पराली न जलाने दे। यदि कही पर कृषि अवशेष जलाने की घटना प्रकाश में आने पर कार्रवाई किया जाएगा। शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि सभी खण्ड विकास अधिकारी अपने-अपने विकास खण्ड में शीघ्र ही पराली न जलाने के सम्बन्ध में बैठक बुलाकर किसानों को इसकी जानकारी दे।
उप कृषि निदेशक ने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा जनपद स्तर पर एक सेल का गठन किया गया है। जिसमें अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अध्यक्ष, अपर पुलिस अधीक्षक नक्सल एरिया सदस्य, उप कृषि निदेशक, सचिव, जिला कृषि अधिकारी सदस्य, जिला विद्यालय निरीक्षक सदस्य एवं जिला पंचायत राज अधिकारी को सदस्य नामित किया गया है। तहसील स्तर पर उड़न दस्तों का गठन किया गया है।
उप कृषि निदेशक विकेश कुमार ने बताया कि हार्वेस्टर से कटाई हो रही हो तो उसमें रीपर, एसएमएस व बेलर लगा होना चाहिए। बताया कि कृषि विभाग द्वारा पराली को सड़ाने हेतु डी कम्पोस्ट का भी वितरण किसानों को कराया जाएगा।
ये रहे बैठक में मौजूद
इस बैठक में आशाराम वर्मा, उप जिलाधिकारी लालगंज, युगान्तर त्रिपाठी, उप जिलाधिकारी मड़िहान, समस्त खण्ड विकास अधिकारी व कृषक सुखनन्दन दूबे, श्याम लाल मौर्य, राम किशुन बिन्द, फूलचन्द मौर्य, अनिल कुमार मौर्य, धीरज मौर्य, त्रिवेणी प्रसाद पाण्डेय आदि उपस्थित थे।