काशी के ज्ञानवापी परिसर में कथित वजूखाने के ASI सर्वे की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज गुरुवार को सुनवाई होगी। मामले की वादी राखी सिंह की तरफ से कोर्ट में 2023 की एएसआई रिपोर्ट दाखिल की गई है। इस केस की दो बार सुनवाई टल चुकी है। हाईकोर्ट में पिछ
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दोनों पक्षों की सुनी जाएंगी दलीलें
कई हलफनामों के बाद हाईकोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई की तारीख 22 अक्टूबर तय की। अब सुनवाई में इंतजामिया कमेटी और राखी सिंह के वकील अपनी दलीलें पेश करेंगे। इसी मामले में श्रृंगार गौरी केस की मुख्य वादी राखी सिंह ने जिला अदालत के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
जिसमें सुप्रीम कोर्ट के यथास्थिति बनाए रखने के आदेश के कारण अदालत ने हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए अर्जी खारिज कर दी थी। उनका कहना है कि जिस तरह ज्ञानवापी के पूरे परिसर का ASI सर्वे किया गया है। उसी तरह से सील वजूखाने का भी सर्वे किया जाना चाहिए।
हिंदू पक्ष ने शिवलिंग होने का दावा किया 2 साल पहले कथित शिवलिंग मिलने के बाद वजूखाने को सील कर दिया गया था। मुस्लिम पक्ष की ओर से इसे फव्वारा बताया जा रहा है, लेकिन हिंदू पक्ष इसे शिवलिंग होने का दावा कर रहा है।
इससे पहले ज्ञानवापी परिसर का ASI सर्वे किया गया था, वजूखाने का सर्वे नहीं हुआ था। कोर्ट के आदेश पर ये हिस्सा सील बंद हैं।
इससे पहले कोर्ट में क्या हुआ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिकाओं के बाद मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। सर्वे की मांग पर कोर्ट ने इंतजामिया कमेटी से जवाबी हलफनामा दाखिल कराया था। कोर्ट ने पूछा था कि वजूखाने का सर्वे क्यों न कराया जाए। इस पर मस्जिद कमेटी ने अपना जवाब दाखिल कर विरोध जताया था।
कोर्ट नंबर 69 में जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की बेंच इस मामले पर कई बार सुनवाई कर चुकी है। हिंदू पक्ष लगातार दलील दे रहा है कि ज्ञानवापी वजूखाना के धार्मिक पहलू को जानने के लिए सर्वे जरूरी है।