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संदीप ने मुख्यमंत्री को लिखित शिकायत में बताया- DJ की तेज आज के कारण न सिर्फ इंसान, बल्कि पशुओं की सेहत पर भी असर पड़ रहा है। उन्होंने अपनी शिकायत में एक अखबार की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें पशु चिकित्सा अधिकारियों का बयान था कि ध्वनि प्रदूषण के चलते गायें बीमार हो रही हैं और दूध कम दे रही हैं।
सीएम योगी के जनता दर्शन में आज करीब डेढ़ सौ फरियादी शिकायत लेकर पहुंचे।
योगी ने कार्रवाई का दिया आश्वासन संदीप की इस शिकायत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार हर संभव कदम उठाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि गांवों में रहने वाले पशुओं की सेहत पर इसका असर न पड़े।
संदीप सिंह ने DJ से गायों को होने वाले नुकसान को लेकर सीएम योगी से शिकायत की है।
DJ का शोर गायों पर डाल रहा नकारात्मक प्रभाव संदीप सिंह के अनुसार, पिछले 6-7 वर्षों से हर बार तेज DJ की आवाज के बाद गांव की गायों में बीमारियां बढ़ने लगी हैं और दूध का उत्पादन भी घट रहा है। पत्र में उन्होंने वैज्ञानिक तथ्य का भी उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि स्वस्थ वातावरण के लिए 40-50 डेसीबल तक की ध्वनि उचित मानी जाती है, जबकि DJ की न्यूनतम ध्वनि 100 डेसीबल तक होती है। यह ध्वनि सीमा न सिर्फ पशुओं बल्कि इंसानों के लिए भी घातक साबित हो रही है। स्थानीय पशु चिकित्सकों के अनुसार, यह उच्च ध्वनि स्तर जानवरों को तनाव में डालता है, जिससे उनकी स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ जाती हैं और दूध उत्पादन में गिरावट होती है।
ये लेटर संदीप सिंह ने सीएम योगी को सौंपा। जिसमें DJ की शिकायत की गई है।
रात के समय शोर पर नहीं होती सख्ती संदीप ने शिकायत में बताया- रात 10 बजे के बाद भी कई बार तेज शोर मचाया जाता है, जो स्पष्ट रूप से कानून का उल्लंघन है। पुलिस द्वारा कार्रवाई करने पर थोड़ी देर के लिए शोर कम हो जाता है, मगर फिर से DJ की आवाज तेज हो जाती है। उन्होंने मांग की कि सभी पुलिस थानों में डेसीबल मीटर उपलब्ध कराए जाएं ताकि ध्वनि सीमा का सख्ती से पालन सुनिश्चित हो सके और बार-बार कानून का उल्लंघन न हो।
गायों और गांव की शांति के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत शिकायत के अंत में संदीप सिंह ने मुख्यमंत्री से गुजारिश की कि DJ की अराजकता और शोरगुल पर तुरंत रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि इस दिशा में ठोस कदम उठाने से सिर्फ इंसानों को ही नहीं, बल्कि गांवों में रहने वाली हजारों गायों को भी राहत मिलेगी।
दिवाली के बाद से यूपी में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। पश्चिमी यूपी के शहरों की हालत सबसे ज्यादा खराब है। दिल्ली के पास के गाजियाबाद, नोएडा और मेरठ जैसे जिलों में जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही, हवा की गुणवत्ता खराब होती जा रही है। नवंबर के पहले हफ्ते से ही इन शहरों का AQI 300 से ऊपर दर्ज हो रहा है।
300 से ऊपर AQI खराब कैटेगरी में आता है। दूसरी तरफ राजधानी लखनऊ सहित और आसपास के जिलों में भी AQI 150 से ऊपर रह रहा है। यह हवा भी हेल्थ पर बुरा असर डालने वाली होती है। खासकर बीमार, बुजुर्ग और बच्चों के लिए। WHO के मुताबिक, बढ़े प्रदूषण की वजह से यूपी के लोगों की औसत उम्र में 8.6 साल की कमी आई है।