प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में हाल में आई अतिवृष्टि, भूस्खलन, बादल फटने और बाढ़ जैसी आपदाओं से हुए नुकसान का जायजा लिया और राज्य के लिए 1200 करोड़ रुपये का राहत पैकेज घोषित किया।
राहत और अनुग्रह राशि
प्रधानमंत्री ने आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। मौसम खराब होने के कारण उनका हवाई सर्वेक्षण रद्द करना पड़ा, लेकिन उन्होंने जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर उच्चस्तरीय बैठक कर स्थिति की समीक्षा की। बैठक में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय राज्य मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
केंद्र का सहयोग और आगे की योजना
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार आपदा से निपटने के लिए हर संभव सहयोग करेगी। उन्होंने मकानों के पुनर्निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत, स्कूलों का पुनर्निर्माण, पशुपालन सहायता और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से सहयोग जैसे कदम उठाने की बात कही। प्रभावित परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत भी सहायता दी जाएगी। साथ ही, अनाथ हुए बच्चों को ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना’ से मदद मिलेगी।
संवेदना और सराहना
प्रधानमंत्री ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आपदा मित्र स्वयंसेवकों के कार्यों की भी सराहना की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राहत पैकेज के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने इस पैकेज को नाकाफी बताते हुए इसे ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ कहा और 2013 की केदारनाथ आपदा के समय दिए गए बड़े पैकेज की तुलना की।
आपदा का असर
अब तक राज्य में विभिन्न आपदाओं से 81 लोगों की मौत हो चुकी है, 94 लोग लापता हैं और 80 घायल हुए हैं।