सरकार ने तय किया है कि इन वस्तुओं का आयात केवल मुंबई स्थित न्हावा शेवा बंदरगाह से ही किया जा सकेगा। प्रतिबंधित सामानों में ब्लीच्ड और बिना ब्लीच वाले बुने हुए कपड़े, सुतली, डोरी, जूट की रस्सी, जूट के बोरे और थैले आदि शामिल हैं।
यह प्रतिबंध विदेश व्यापार (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1992 के तहत लागू किया गया है। आदेश में इस कदम के पीछे के कारण स्पष्ट नहीं किए गए हैं, लेकिन आमतौर पर ऐसे उपाय गुणवत्ता नियंत्रण, व्यापार संतुलन या घरेलू उद्योगों की सुरक्षा से जुड़े होते हैं। आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
जूट उत्पादों को लेकर भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार हमेशा से संवेदनशील रहा है, क्योंकि दोनों देश इसके प्रमुख उत्पादक और निर्यातक हैं।
बांग्लादेश कपड़ा क्षेत्र में भारत का प्रतिद्वंद्वी है और भारत पर 50 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ लगने से उसे बड़ा लाभ मिलने की संभावना है। 2023-24 में दोनों देशों के बीच व्यापार 12.9 अरब अमेरिकी डॉलर का था। 2024-25 में भारत से बांग्लादेश को निर्यात 11.46 अरब डॉलर रहा, जबकि आयात केवल 2 अरब डॉलर का हुआ।