
उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन का कानपुर कार्यालय।
उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (UPCA) के नाम से ही दूसरी संस्था का रजिस्ट्रेशन होने के बाद एसोसिएशन ने अपनी जांच शुरू कर दी है। संघ के सचिव अंकित चटर्जी ने दूसरे पक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कानूनी कार्रवाई करने को कहा था।
.
उधर सूत्रोंं के मुताबिक जिस तरह से नाम और लोगो का प्रयोग किया जा रहा है। उससे माना जा रहा है कि संस्था पर दबाव बनाने का काम किया जा रहा है। उसमें पूरा खेल इस वर्ष होने वाले यूपीसीए के चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
प्रकरण की जांच की जा रही है यूपीसीए के अधिकारियों द्वारा इस मामले की जांच करनी शुरू कर दी गई है। इसके साथ उन्होंने कानूनी कार्रवाई को भी आगे बढ़ाने की बात कही है। जांच में कुछ ऐसे लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, जो कि आगामी चुनाव को लेकर पर्दे के पीछे रहकर काम कर रहे हैं।
रविवार को यूपीसीए की एक बैठक लखनऊ में हुई। बैठक में ये बात चर्चा का विषय बनी रही। हालांकि खुलकर किसी ने भी पदाधिकारी का नाम बैठक में नहीं लिया।
ये था पूरा प्रकरण
आगरा के जीटी शर्मा ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के नाम से अपनी संस्था का रजिस्ट्रेशन करा लिया है। ये मामला जब मीडिया में आया तो कानपुर में स्थित यूपीसीए कार्यालय में पदाधिकारियों के बीच हलचल मच गई। उन्होंंने तत्काल जीटी शर्मा को एक नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा।
नोटिस का ये दिया जवाब
जीडी वर्मा ने नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि 20 सितंबर 2005 को तत्कालीन अध्यक्ष जगेंद्र स्वरूप ने स्वयं एक पत्र द्वारा यह सूचित किया था कि उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन को कंपनी अधिनियम 1956 के अंतर्गत जुलाई 2005 में एक नई कंपनी के रूप में पंजिकृत कर लिया गया था।
3 सितंबर 2005 को संस्था की सभी संपत्तियां एक दायित्व उक्त कंपनी में स्थानांतरित कर दिया गया है। जब एक संस्था स्वेच्छा से कंपनी में रूपांतरित हो चुकी है, तो आपके संगठन के पास अब सोसाइटी एक्ट के अंतर्गत किसी भी संस्था या नाम पर दावा करने का कोई वैधानिक या नैतिक अधिकार नहीं बचता।
उन्होंने कहा कि हमारी संस्था उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन- सोसाइटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1860 के अंतर्गत विधिवत रूप से पंजीकृत है।