पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम तक पहुंच गया है। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बैक टू बैक मीटिंग से पाकिस्तान बुरी तरह से डर गया है। भारत के संभावित हमले से डरा पाकिस्तान अपने नागरिकों को हवाई हमलों या अन्य आपात स्थिति से अलर्ट करने के लिए सायरन सिस्टम लगवा रहा है।
29 जिलों में लगाया जा रहा है सायरन सिस्टम
ताजा जानकारी के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के 29 जिलों में आधुनिक इलेक्ट्रिक सायरन सिस्टम जा रहा है। खबर लिखने तक खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर में 1122 बिल्डिंग में सायरन सिस्टम लगाया जा चुका है। इसके अलावा अन्य जगहों पर भी सायरन सिस्टम लगाया जा रहा है।
खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने जारी किए हैं ये आदेश
दरअसल, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की सरकार ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर बढ़ते तनाव के मद्देनजर नागरिकों को संभावित खतरों से बचाने के लिए 29 जिलों में आधुनिक इलेक्ट्रिक सायरन सिस्टम लगाने की पहल की है। नागरिक सुरक्षा निदेशालय के एक आधिकारिक निर्देश के अनुसार, उपायुक्तों और नागरिक सुरक्षा अधिकारियों को तुरंत सायरन लगाने और प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है। सायरन का उद्देश्य हवाई हमलों की स्थिति में जनता को समय पर अलर्ट प्रदान करना है, जिससे नागरिक सुरक्षित स्थानों पर जा सकें।
इन जिलों और शहरों में लगाए जा रहे हैं सायरन
एबटाबाद और मर्दन जैसे प्रमुख शहरी केंद्रों को उनकी बड़ी आबादी के कारण कम से कम चार सायरन लगाने का निर्देश दिया गया है। तत्काल तैनाती के लिए जिला प्रशासनों को 50 से अधिक आधुनिक इलेक्ट्रिक सायरन पहले ही वितरित किए जा चुके हैं। आधिकारिक पत्र में इस बात पर जोर दिया गया है कि वर्तमान के कारण सायरन लगाना जरुरी हो गया है।
बताया जा रहा है कि पेशावर, स्वात, डेरा इस्माइल खान, बन्नू, मलकंद, चारसद्दा, कोहाट, नौशेरा, दक्षिण वजीरिस्तान, बाजौर, खैबर और ओरकजई जैसे जिलों, शहरों और कस्बों में रणनीतिक रूप से सायरन लगाए जाएंगे। अधिकारियों ने कहा कि यह प्रणाली खतरों के सामने समय पर अलर्ट जारी करके लोगों का जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी ने कार्रवाई के लिए पूरी तरह से खुली छूट दी है।