मोदी सरकार एक ऐसा विधेयक लाने जा रही है, जिसके तहत गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार या हिरासत में लिए जाने पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या किसी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के मंत्री को पद से हटाया जा सकेगा.
अभी तक संविधान के अनुसार केवल वही जनप्रतिनिधि पद से हटाए जा सकते थे, जिन्हें अदालत द्वारा दोषी ठहराया गया हो. लेकिन प्रस्तावित बिल के अनुसार यदि प्रधानमंत्री, कोई केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रहता है, तो 31वें दिन उन्हें इस्तीफा देना होगा या स्वतः पदमुक्त माना जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक, गृहमंत्री अमित शाह लोकसभा में संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, केंद्र शासित प्रदेशों का शासन (संशोधन) विधेयक और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पेश करेंगे. साथ ही इन्हें लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव भी रखा जाएगा.
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
इस प्रस्तावित बिल पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है. वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि गिरफ्तारी के लिए कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं हैं और विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी मनमाने ढंग से की जाती है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस कानून के जरिए विपक्षी मुख्यमंत्री या नेताओं को केवल गिरफ्तारी करवाकर हटाया जा सकेगा, जबकि सत्ता पक्ष के नेताओं को कभी नहीं छुआ जाता