यह तस्वीर यमुना नदी में आई बाढ़ के समय की है।
यमुना के डूब क्षेत्र में बने फार्म हाउसों को प्राधिकरण की ओर से नोटिस भेजे जाएंगे। पहले भी फार्म हाउस संचालकों को कई बार नोटिस दिए जा चुके हैं। प्राधिकरण के अनुसार, डूब क्षेत्र में केवल खेती के उद्देश्य से जमीन की खरीद-फरोख्त की अनुमति है, लेकिन यहां पक्के निर्माण की इजाजत नहीं है।
नोटिस जारी करने से पहले क्षेत्र की एरियल मैपिंग की जाएगी, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि डूब क्षेत्र में कितने फार्म हाउस बने हैं और उनका उपयोग किस प्रकार से किया जा रहा है। कई फार्म हाउसों का कमर्शियल उपयोग सामने आया है, जहां पुलिस समय-समय पर छापेमारी भी करती है।
हिंडन नदी के किनारे बने पुराने स्ट्रक्चरों को फिलहाल गिराने की योजना नहीं है, लेकिन किसी भी नए निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि नियमों का उल्लंघन होता है, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हिंडन क्षेत्र में बने फार्म हाउसों को भी हटाने की तैयारी चल रही है, जिसके लिए एसडीएम की अगुवाई में एक विशेष टीम का गठन किया गया है।
एरियल सर्वे और मैपिंग का काम शुरू बैठक में सीईओ लोकेश एम ने बताया कि यमुना और हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में एरियल मैपिंग का काम शुरू कर दिया गया है। वर्तमान में जितना निर्माण हो चुका है उसके फुटेज लिए जा रहे है। इसके बाद यदि यहां अवैध निर्माण बढ़ता है तो संबंधित प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक , लेखपाल और सिचाई विभाग के अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जाए। यहां बड़े बड़े बोर्ड लगाए जाए ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके कि यहां निर्माण और जमीन खरीदना अवैध है।
यमुना और हिंडन के डूब क्षेत्र में यहां अवैध निर्माण नोएडा में यमुना सेक्टर-94, 124, 125, 127, 128, 131, 133, 134, 135, 168 के अलावा 150 से होकर निकलती है। इसी तरह हिंडन नदी छिजारसी से प्रवेश करते हुए सेक्टर-63ए, बेहलोलपुर, शहदरा, सुथियाना, गढ़ी चौखंड़ी, सेक्टर-123, 118, 115, 143, 143ए, 148, 150, मोमनाथल के पास यमुना में मिलती है। यह दोनों ही नदियां नोएडा को चारों तरफ से घेरे हुए हैं और नदियों के किनारे की जमीन को ही डूब क्षेत्र कहते हैं, जहां पर खरीद-फरोख्त प्रतिबंध है।
नोएडा प्राधिकरण का प्रशासनिक खंड का कार्यालय
डेढ़ साल में तोड़ चुकी 150 फार्म हाउस नोएडा प्राधिकरण ने पिछले डेढ़ साल में 150 फार्म हाउसों को तोड़ चुकी है। लेकिन प्राधिकरण की ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरू होते ही फार्म हाउस संचालक हाईकोर्ट पहुंच गये थे। उन्होंने प्राधिकरण की इस कार्यवाही को गलत ठहराया था। इसके बाद कुछ दिनों तक यह अभियान रुका था। बाद में प्राधिकरण ने इन फॉर्म हाउसों को फिर से ध्वस्त किया था। अब एक बार फिर से फार्म हाउसों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू करने की तैयारी की जा रही है।