नोएडा में परियोजनाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अब थर्ड पार्टी एजेंसी निर्माण कार्य का ऑडिट करेगी। सीईओ लोकेश एम. ने परियोजनाओं का निरीक्षण किया और बताया कि काम पूरा होने और निर्माण के दौरान तीसरी कंपनी क्वालिटी चेक करेगी। रिपोर्ट संतोषजनक मिलने के बाद ही निर्माण कंपनी का बिल पास किया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण की ओर से टेंडर जारी किया गया था, जिसकी प्री-बिड में कुल 11 कंपनियों ने हिस्सा लिया है। इन्हीं में से एक का चयन किया जाएगा।
अक्सर शिकायतें मिलती रही हैं कि निर्माण कंपनियां लागत कम करने के लिए गुणवत्ता में समझौता कर देती हैं। कई बार प्राधिकरण अधिकारी इसे पकड़ लेते हैं, लेकिन कभी-कभी जांच में चूक भी हो जाती है। ऐसे में थर्ड पार्टी ऑडिट जरूरी माना जा रहा है। चयनित एजेंसी अपनी रिपोर्ट सीधे प्राधिकरण के सीईओ को सौंपेगी, जिसके बाद ही भुगतान की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
प्री-बिड में शामिल कंपनियां
सर्टिफिकेशन इंजीनियर्स इंटरनेशनल लिमिटेड, जेपीएस एसोसिएट प्राइवेट लिमिटेड, आर्ची बिजनेस सोल्यूशन, क्रेडिबल मैनेजमेंट एंड कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड, वेपकॉस लिमिटेड, बीएलजी कंस्ट्रक्शन सर्विस, क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया, फार्टेस इंफ्रा कॉन लिमिटेड, चॉइस कंसल्टेंसी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड और मेधज टेक्नो कॉन्सेप्ट प्राइवेट लिमिटेड — इन 11 कंपनियों में से किसी एक का चयन होगा।
एजेंसी की भूमिका
नोएडा प्राधिकरण पहले भी थर्ड पार्टी से प्रोजेक्ट जांच करवाता रहा है और इनकी रिपोर्ट को काफी महत्व दिया जाता है। शहर में करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट्स जारी हैं, लेकिन मीटिंग्स में गुणवत्ता पर ज़ोर देने के बावजूद लापरवाही के मामले सामने आते रहते हैं। इसलिए चयनित थर्ड पार्टी साइट पर जाकर निर्माणाधीन व पूर्ण प्रोजेक्ट्स की जांच करेगी और रिपोर्ट तैयार करेगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर निर्माण गुणवत्ता का मूल्यांकन होगा और आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
Super Fast Times
