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अब एस्ट्रोनॉमी अनुसंधान में छात्रों को मिलेगा सहयोग,प्लेनेटेरियम की कमी भी होगी दूर

अब एस्ट्रोनॉमी अनुसंधान में छात्रों को मिलेगा सहयोग,प्लेनेटेरियम की कमी भी होगी दूर

– गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं व्राटिनो टेक्नॉलॉजी के बीच हुआ करार

– एक साथ मिलकर उन्नत नक्षत्रशाला तकनीक पर करेंगे काम

शाश्वत राम तिवारी

गोरखपुर। सुपर फास्ट टाइम्स
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय अपने छात्रों को आधुनिक नक्षत्रशाला तकनीक,नवाचार और अंतरिक्ष विज्ञान के शोध में दक्ष बनाने के लिए विश्वविद्यालय ने सोमवार को नक्षत्रशाला उपकरणों,एस्ट्रोनॉमी आउटरीच एवं स्पेस साइंस के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्था व्राटिनो टेक्नोलॉजी गोरखपुर के साथ महत्वपूर्ण करार किया है। इसको लेकर दोनों संस्था के बीच समझौता ज्ञापन(एमवोयू) हो गया है। समझौता ज्ञापन के मुताबिक दोनों एक दूसरे को उन्नत नक्षत्रशाला प्रोजेक्शन मशीन,नक्षत्रशाला प्रोजेक्शन स्क्रीन,ऑब्जर्वेटरी,3- डी तकनीक विकसित करने एवं खगोअनुसंधान6ल विज्ञान के अनुसंधान में सहयोग करेंगे। समझौता ज्ञापन पर विश्वविद्यालय की ओर से प्रो०शांतनु रस्तोगी और व्राटिनो टेक्नोलॉजी गोरखपुर की ओर से निदेशक सचिन्द्र नाथ ने हस्ताक्षर किया है। करार के बाद कुलपति प्रो० पूनम टंडन जिनका खगोलशास्त्र शोध क्षेत्र रहा है,उन्होंने बताया की व्राटिनो के विशेषज्ञों से विश्वविद्यालय के छात्र नक्षत्रशाला एवं वेधशाला विकसित करने की तकनीक सीखेंगे साथ ही साथ खगोल विज्ञान के शोध में व्राटिनो के साथ मिलकर काम भी करेंगे। इस तकनीक के विकास से भारत में चल रहे महंगे विदेशी नक्षत्रशाला उपकरण सस्ते दर पर स्वदेशी तकनीक से उपलब्ध होंगे एवं वेधशाला के विकास से खगोल शास्त्र में रूचि रखने वाले विद्यार्थियों के लिए शोध का अवसर भी प्रदान करेगा । विश्वविद्यालय के कुलसचिव एवं ख्यातिलब्ध भौतिकीशास्त्री प्रो०शांतनु रस्तोगी जो एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट भी रहें हैं,उन्होंने जोर दिया की यह स्वदेशी तकनीक होगी जो सस्ती होगी। इससे भारत में आबादी के हिसाब से नक्षत्रशाला की कमी को दूर किया जा सकेगा एवं आम जनमानष के लिए ज्यादा से ज्यादा नक्षत्रशाला बन पायंगे। जिससे लोग ब्रह्माण्ड के रहस्य को समझने और जिज्ञासा पूरी कर सकेंगे। व्राटिनो के निदेशक सचिन्द्र नाथ ने बताया की व्राटिनो का उद्देश्य है। भारत में वैज्ञानिक ज्ञान को उन्नयन में योगदान देना जिसके अंतर्गत प्रदेश में एक मात्र कार्य कर रही व्राटिनो श्री शंकर वेधशाला को विश्वविद्यालय के एस्ट्रोफिजिक्स के छात्रो के लिए हम उपलब्ध कराएंगे । जहां छात्र – छात्राएं अपने समय के उपलब्धता के अनुसार कार्य कर सकेंगे । इस मौक़े पर डॉo राजेश कुमार, डॉo प्रभुनाथ प्रसाद एवं व्राटिनो के तकनीकी सहायक उमेश कुमार उपस्थित रहेl

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✍️ Zafar Ahmad editor-in-chief Super fast times prayagraj

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