चेन्नई: तमिल को लेकर चल रहे भाषा विवाद के बीच पीएम मोदी तमिलनाडु के दौरे पर हैं। यहां उन्होंने कई परियोजनाओं की शुरुआत भी की। हालांकि उनके कार्यक्रम में तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन शामिल नहीं हुए। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को प्रस्तावित परिसीमन प्रक्रिया को लेकर राज्य के लोगों की आशंकाओं को दूर करना चाहिए। सीएम स्टालिन ने एक आधिकारिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि संसद में एक प्रस्ताव पारित किया जाए ताकि तमिलनाडु के अधिकारों पर अंकुश नहीं लगे।
परिसीमन को लेकर सौंपेंगे ज्ञापन
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने लोकप्रिय पर्यटन स्थल के लिए कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने और नई योजनाओं की घोषणा की। इसके बाद सभा को संबोधित करते हुए सीएम स्टालिन ने कहा कि उन्होंने प्रस्तावित परिसीमन से जुड़ी चिंताओं पर ज्ञापन सौंपने के लिए प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा है। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमने परिसीमन पर ज्ञापन प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा है। चूंकि मैं इस सरकारी समारोह में भाग ले रहा हूं, इसलिए मैंने उन्हें उनकी सभा में भाग लेने में असमर्थता से अवगत करा दिया है। मैंने इस कार्य के लिए अपने मंत्रियों- टी थेन्नारसु और राजा कन्नप्पन को भेजा है। इस सभा के माध्यम से मैं प्रधानमंत्री से परिसीमन की आशंकाओं को दूर करने का अनुरोध करता हूं।’’
संसद में पारित हो प्रस्ताव
सीएम स्टालिन ने कहा, ‘‘आपको (मोदी को) यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि इस संबंध में संसद में एक प्रस्ताव पारित हो। इससे (परिसीमन से) संसदीय सीट में कमी आएगी, इसलिए इसके बारे में पूछना हमारा अधिकार है। साथ ही यह हमारे भविष्य के लिए चिंता का विषय भी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पुडुचेरी को मिलाकर यहां 40 संसदीय सीट होंगी। लेकिन (केंद्र में) सत्तारूढ़ भाजपा सरकार परिसीमन के जरिये हमारी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।’’ स्टालिन ने कहा कि निष्पक्ष परिसीमन पर संयुक्त कार्रवाई समिति की बैठक 22 मार्च को चेन्नई में आयोजित की गई थी जिसमें देशभर से मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख नेताओं ने भाग लिया था।