Breaking News

प्रशांत महासागर में आया शक्तिशाली भूकंप, 6.3 तीव्रता से थर्राई इस देश की ज़मीन

दुनियाभर में भूकंप की घटनाएं बीते कुछ समय से लगातार बढ़ती जा रही हैं। बढ़ती भूकंप की घटनाओं ने लोगों के मन में भय को भर दिया है। शुक्रवार को प्रशांत महासागर में भी भयानक भूकंप के झटके लगे हैं। इक्वाडोर के प्रशांत तट पर लगे भूकंप के झटकों से देश का उत्तरी भाग बुरी तरह से हिल गया। अधिकारियों के मुताबिक, इस भूकंप के कारण कुछ मकानों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि, अब तक किसी के हताहत होने की खबर सामने नहीं आई है।

 

कितनी रही भूकंप की तीव्रता?

शुक्रवार इक्वाडोर के प्रशांत महासागर के तट पर भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.3 मापी गई है। ये काफी शक्तिशाली तीव्रता का भूकंप माना जाता है। अमेरिका के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, इस भूकंप का केंद्र एस्मेराल्डास शहर से 20.9 किमी उत्तर पूर्व में प्रशांत महासागर में 35 किलोमीटर की गहराई में था। बता दें कि एस्मेराल्डास शहर इक्वाडोर की राजधानी क्विटो से 296 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में स्थित है।

सुनामी की चेतावनी जारी हुई थी

इक्वाडोर के प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को आए भयानक भूकंप के झटके कम से कम 10 प्रांतों में महसूस किए गए हैं। भूकंप के बाद स्थिति पर नजर रखी जा रही है और उसका आकलन किया जा रहा है। स्थानीय मीडिया ने बताया है कि भूकंप के कारण एस्मेराल्डास शहर में  कुछ घरों के सामने के हिस्से को नुकसान पहुंचा है। बता दें कि इससे पहले इक्वाडोर के अधिकारियों ने प्रशांत महासागर के तट के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की थी। हालांकि, बाद में इस चेतावनी को रद्द कर दिया गया था।

भूकंप आते क्यों हैं?

भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हाल के दिनों में भूकंप की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। आपको बता दें कि हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, ये प्लेट्स कई बार फॉल्ट लाइन पर टकराती हैं, जिससे घर्षण पैदा होता है। इस घर्षण से निकली ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता तलाशती हैं। इसी कारण धरती पर भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती हैं। 

About SFT-ADMIN

Check Also

‘ट्रंप ने खामेनेई के सामने दिखाई झुकावट’ – लेबनान में लगे पोस्टर, ईरान समर्थकों ने मनाया जश्न

Iran Israel Ceasefire News: ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन तक चले भारी संघर्ष का …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *