बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल जोरों पर है. सभी राजनीतिक दलों के नेता एक-दूसरे पर टिका-टिप्पणी करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे. वहीं, बिहार चुनाव में मुस्लिम वोटरों को रिझाने के लिए भी जबरदस्त राजनीति चल रही है. इसी कड़ी में जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भी सोमवार (27 अक्टूबर, 2025) को AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा है.
किशनगंज में ओवैसी पर बोले प्रशांत किशोर
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार के किशनगंज में AIMIM चीफ और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी के दिए एक बयान पर पलटवार किया. उन्होंने कहा, ‘असदुद्दीन ओवैसी मेरे मित्र हैं तो उन्हें मेरा सुझाव है कि वे पहले हैदराबाद संभालें और हैदराबाद में अपना किला संभालें, बेकार में सीमांचल में आकर और कंफ्यूजन पैदा न करें.’
सीमांचल के मुसलमान 2020 की गलती फिर नहीं दोहराएंगे- प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने ओवैसी पर तंज कसते हुए कहा, ‘अगर आप अपना हैदराबाद संभाल लिए होते और तेलंगाना में मुसलामनों का भला कर दिए होते तो बढ़िया होता.’ उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हो रहा था, तब ISF और असदुद्दीन ओवैसी आए थे, तो वहां के मुसलमानों ने कहा कि हमें तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर भरोसा है और हमलोगों का भारतीय जनता पार्टी (BJP) से लड़ाई है. इसके बाद ISF और ओवैसी पश्चिम बंगाल में कुछ भी नहीं कर सके.’
उन्होंने कहा कि इस बार बिहार के सीमांचल के मुसलमान भी वो गलती नहीं करेंगे जो साल 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान किया था. उन्होंने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी का सम्मान है, पढ़े-लिखे हैं और भाषण अच्छे देते हैं. लेकिन उनको हैदराबाद में ही रहने दीजिए. सीमांचल में जिन्हें सेवा करना है, वो सीमांचल का ही बेटा होना चाहिए. हैदराबाद से आकर सीमांचल में नया नेतृत्व खड़ा करने की जरूरत नहीं है.
प्रशांत किशोर ने सीमांचल में वोटरों को दिखाया अल्लाह का डर
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘सीमांचल के लोगों से मैं बस इतना कहना चाहूता हूं कि यहां मुसलमानों की बहुत बड़ी आबादी है. इसलिए मैं मुसलमानों से एक अपील करना चाहता हूं कि लोग कहते हैं कि भाजपा से डरिए, हमें वोट दीजिए, हमें जिताइए. गठबंधन वाले कहते हैं कि हमें वोट दो, हम भाजपा वालों से बचाएंगे. लेकिन जन सुराज पार्टी वाले कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी से मत डरो, सिर्फ अल्लाह से डरो और अगर तादाद की चिंता की गई होती तो इस्लाम धर्म शुरू ही नहीं होता. इसलिए हक के साथ खड़े रहिए. जो अच्छा आदमी है उसे जिताइए. अपने बच्चों की चिंता करें, तभी सुधार होगा.’
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