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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी जानकारी, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के 8 स्टेशन बनकर तैयार

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में जानकारी दी कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) परियोजना (508 किलोमीटर) पर तेजी से काम चल रहा है। इसमें 406 किलोमीटर में नींव का काम पूरा हो चुका है और 127 किलोमीटर लंबे पुल पर ट्रैक बिछाने की शुरुआत हो गई है।

मंत्री ने बताया कि इस परियोजना के अन्य प्रमुख कार्य भी काफी आगे बढ़ चुके हैं। 395 किलोमीटर में खंभे और 300 किलोमीटर से अधिक में गर्डर कास्टिंग और लॉन्चिंग का काम पूरा हो चुका है। इंजनों को बिजली आपूर्ति के लिए ओवरहेड उपकरण मस्तूलों का निर्माण भी शुरू हो गया है।

8 स्टेशनों पर नींव का काम पूरा

कुल 12 स्टेशनों में से 8 स्टेशनों — वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, आणंद, वडोदरा, अहमदाबाद और साबरमती — पर नींव का काम पूरा हो चुका है। महाराष्ट्र के 3 स्टेशनों (ठाणे, विरार, बोईसर) पर नींव का काम जारी है। बीकेसी स्टेशन पर खुदाई लगभग पूरी हो गई है और बेस स्लैब की ढलाई शुरू हो गई है।

नदी पुल और सुरंग निर्माण

अब तक 16 नदी पुलों का निर्माण पूरा हो चुका है। गुजरात में 5 प्रमुख नदी पुलों (नर्मदा, विश्वामित्री, माही, ताप्ती और साबरमती) पर काम अंतिम चरण में है, जबकि महाराष्ट्र में चार पुलों पर कार्य प्रगति पर है। ठाणे, सूरत और साबरमती डिपो पर तेजी से काम चल रहा है। गुजरात में एकमात्र सुरंग का निर्माण पूरा हो चुका है। समुद्र के नीचे 21 किलोमीटर लंबी सुरंग का कार्य शुरू कर दिया गया है और महाराष्ट्र में घनसोली से शिलफाटा के बीच 4 किलोमीटर लंबी सुरंग भी बनकर तैयार है।

रोजगार के अवसर और खर्च

इस परियोजना पर अब तक 78,839 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। इससे निर्माण क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर बने हैं। इसके अलावा, विभिन्न वस्तुओं, निर्माण सामग्री, उपकरणों और सेवाओं की आपूर्ति भी सुनिश्चित हुई है।

भूमि अधिग्रहण और अनुबंध

परियोजना के लिए आवश्यक 1389.5 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। साथ ही कोस्टल रेगुलेशन जोन (सीआरजेड) और वन से जुड़ी सभी मंजूरियां मिल चुकी हैं। परियोजना के सभी सिविल अनुबंध दिए जा चुके हैं। कुल 28 टेंडर पैकेजों में से 24 पैकेज प्रदान कर दिए गए हैं और 1,651 उपयोगिताओं का स्थानांतरण भी पूरा हो गया है।

वंदे भारत और बुलेट ट्रेन का अंतर

मंत्री ने स्पष्ट किया कि वंदे भारत ट्रेनें सेमी-हाई स्पीड नेटवर्क के लिए हैं और इन्हें बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए डिजाइन नहीं किया गया है। बुलेट ट्रेन जापानी शिंकानसेन ट्रेनों के लिए बनाई जा रही है।

मेक इन इंडिया पहल

वर्तमान में 150 वंदे भारत ट्रेनें भारतीय रेलवे के इलेक्ट्रिफाइड नेटवर्क पर चेयर कार के साथ चल रही हैं। इसके अलावा, मेक इन इंडिया पहल के तहत 200 वंदे भारत स्लीपर रेक का निर्माण कार्य जारी है, जिससे इन सेवाओं का विस्तार और अधिक मार्गों पर किया जाएगा।

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