रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार (2 अक्टूबर) को अमेरिका पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत और चीन पर दबाव डालकर रूस से ऊर्जा संबंध खत्म करवाना चाहता है, लेकिन ऐसा कदम उल्टा असर डाल सकता है.
पुतिन ने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका रूस के व्यापारिक साझेदारों पर ज्यादा शुल्क लगाता है, तो इससे वैश्विक कीमतें बढ़ेंगी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व को ब्याज दरें ऊंची रखनी पड़ेंगी. हाल ही में अमेरिका ने भारत के निर्यात पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाया है, जिससे यह टैक्स बढ़कर 50% हो गया है.
रूसी राष्ट्रपति ने कही ये बड़ी बात
रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “भारत और चीन अपने साथ अपमान नहीं होने देंगे.” उन्होंने साफ कहा कि अगर भारत रूस से ऊर्जा खरीदना बंद करता है, तो उसे नुकसान उठाना पड़ेगा. लेकिन भारत की जनता और नेतृत्व ऐसा कभी नहीं होने देंगे. पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा जताते हुए कहा कि मोदी ऐसे कोई कदम नहीं उठाएंगे.
पुतिन ने अमेरिका की दोहरी नीति पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि अमेरिका खुद रूस से समृद्ध यूरेनियम खरीदता है, लेकिन बाकी देशों को रूसी ऊर्जा से दूर रहने के लिए कहता है.
लगातार भारत की आलोचना कर रहा है अमेरिका
यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका लगातार भारत की आलोचना कर रहा है कि वह रूस से तेल खरीद रहा है. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके सहयोगियों ने भी कई बार भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की. ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने तो भारत को “टैरिफ का महाराजा” तक कहा था और मोदी पर पुतिन व शी जिनपिंग के करीब होने का आरोप लगाया था.
इससे पहले भी पुतिन ने अमेरिका को चेताया था कि भारत और चीन से औपनिवेशिक दौर जैसी भाषा में बात नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा, “अब उपनिवेशवाद का समय खत्म हो चुका है. भारत और चीन जैसी प्राचीन सभ्यताएं किसी भी अल्टीमेटम के आगे झुकने वाली नहीं हैं.” रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी कहा कि भारत और चीन जैसे देश अमेरिका के दबाव को कभी स्वीकार नहीं करेंगे.