Breaking News

शारदीय नवरात्र पर कामाख्या धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी, गहमर के सैनिकों की रक्षा करती हैं देवी मां।

 

गाजीपुर के एशिया के सबसे बड़े गांव गहमर में स्थित मां कामाख्या धाम में शारदीय नवरात्र के पहले दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। उत्तर प्रदेश और बिहार से बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचे। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है।

 

मां कामाख्या धाम पूर्वांचल के लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां पुत्र प्राप्ति और मनोकामना पूर्ति के लिए जोड़ा नारियल चढ़ाने की परंपरा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस धाम में महर्षि जमदग्नि और विश्वामित्र का सत्संग हुआ करता था। विश्वामित्र ने यहीं महायज्ञ का आयोजन किया था।

मंदिर की स्थापना का इतिहास रोचक है। फतेहपुर सिकरी के सिकरवार राजकुल पितामह खाबड़ जी महाराज को मां ने वंश की रक्षा का वरदान दिया था। वर्ष 1841 में गहमर निवासी स्वर्णकार तेजमन ने मंदिर का पुनर्निर्माण कराया।

गहमर को सैनिकों का गांव कहा जाता है। स्थानीय लोगों का विश्वास है कि युद्ध में शामिल होने वाले गांव के सैनिकों की रक्षा स्वयं मां कामाख्या करती हैं। वे युद्धभूमि में उपस्थित होकर अपने भक्तों की ढाल बनती हैं। इस विश्वास के कारण यह धाम श्रद्धा और शौर्य का संगम बन गया है। शारदीय और वासंतिक नवरात्र पर यहां भक्तों की विशेष भीड़ उमड़ती है।

About SFT-ADMIN

Check Also

बुलंदशहर में 12 करोड़ रुपये की लागत से दो नए पुल का निर्माण होगा: सेतु निगम ने शासन को प्रस्ताव भेजा, रोज़ाना के ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत 

बुलंदशहर के भूड़ चौराहे पर नेशनल हाईवे 34 लिंक रोड पर स्थित दोनों नहरों पर …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *