मनरेगा योजना में पारदर्शिता लाने के लिए लागू किए गए मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम का असर स्पष्ट दिखाई दे रहा है। जिले की 1293 ग्राम पंचायतों में से 793 पंचायतों में काम रुक गया है।
नए दिशा-निर्देश लागू होने के बाद, जहां पहले निर्धारित लक्ष्य से 134 प्रतिशत अधिक मानव दिवस दर्ज किए जाते थे, अब तीन लाख सक्रिय जॉब कार्ड धारकों में से प्रतिदिन केवल 7-8 हजार श्रमिक ही कार्य कर रहे हैं।
नई व्यवस्था के अनुसार श्रमिकों को दिन में तीन बार फोटो के जरिए उपस्थिति दर्ज करनी होगी, और महिला एवं पुरुष श्रमिकों की उपस्थिति तभी मान्य होगी जब वह फोटो से प्रमाणित हो।
निगरानी के लिए तीन स्तरीय व्यवस्था बनाई गई है—ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर निगरानी प्रकोष्ठ गठित किए गए हैं। जिला कार्यक्रम समन्वयक को प्रतिदिन 30 तस्वीरों की जांच करनी होगी, जबकि जिला स्तर के अधिकारियों को प्रतिदिन 100 तस्वीरें या कुल अपलोड तस्वीरों का 10 प्रतिशत जांचना होगा।
यह कदम योजना में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है। पहले रियल टाइम फोटो अपलोड न करने की वजह से गड़बड़ियों की संभावना बनी रहती थी।
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