ईडी की बेंगलुरु ज़ोनल टीम ने कर्नाटक महार्षि वाल्मीकि शेड्यूल्ड ट्राइब्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने लगभग 5 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की हैं।
किन संपत्तियों को किया गया अटैच
अटैच की गई संपत्तियों में लगभग 4.45 करोड़ रुपये की जमीन और फ्लैट शामिल हैं, जो नेक्केंटी नागराज, चंद्र मोहन, गोलापल्ली किशोर रेड्डी और एटकेरी सत्यनारायण के नाम पर हैं। इसके अलावा 50 लाख रुपये के बैंक अकाउंट्स भी जब्त किए गए हैं, जो हैदराबाद के फर्स्ट फाइनेंस क्रेडिट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में थे।
घोटाले का खुलासा कैसे हुआ
यह मामला उस समय सामने आया जब 26 मई 2024 को कॉरपोरेशन के कर्मचारी चंद्रशेखर ने आत्महत्या कर ली थी। अपने सुसाइड नोट में उन्होंने बड़े घोटाले की ओर इशारा किया था। जांच में पता चला कि कॉरपोरेशन के अकाउंट को धोखे से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एमजी रोड ब्रांच में शिफ्ट किया गया और बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये का ट्रांसफर किया गया।
चुनाव में इस्तेमाल हुआ पैसा
जांच में यह भी सामने आया कि लगभग 89.63 करोड़ रुपये फर्जी अकाउंट्स के जरिए हैदराबाद के फर्स्ट फाइनेंस क्रेडिट कोऑपरेटिव बैंक में ट्रांसफर किए गए। यह सब बैंक के चेयरमैन और अन्य आरोपियों की मिलीभगत से हुआ। ईडी का कहना है कि इन पैसों का इस्तेमाल चुनावी खर्चों के लिए किया गया, साथ ही लग्ज़री कारें भी खरीदी गईं, जिनमें एक लैम्बॉर्गिनी भी शामिल है।
आगे और भी कार्रवाई संभव
ईडी के मुताबिक, आरोपियों ने फर्जी कंपनियों, शेल अकाउंट्स, नकद और सोने-चांदी के कारोबार के जरिए पैसे को इधर-उधर किया और फिर निजी इस्तेमाल में लिया। अब तक 5 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टीज अटैच की जा चुकी हैं और जांच जारी है। आने वाले समय में और भी अटैचमेंट्स हो सकते हैं।